
जिले में शनिवार रात एक विवाहित महिला के कथित अपहरण और सामूहिक बलात्कार मामले में बड़ा खुलासा करते हुए भीलवाड़ा ने पूरे मामले को झूठा करार दिया है. पुलिस के मुताबिक सामूहिक दुष्कर्म की शिकायत करने वाली 25 वर्षीय महिला ने झूठी शिकायत दर्ज कराए. पुलिस ने बताया कि महिला स्वेच्छा से दो पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने गई थी, लेकिन विवाद तब हुआ जब उन्होंने उसे पूरी रात रुकने पर जोर दिया.
पुलिस के अनुसार महिला घर जाना चाहती थी, लेकिन दोनों व्यक्तियों ने उसे पर रुकने का दबाव डाला, जिसके बाद वह निर्वस्त्र अवस्था में घर से बाहर आई और एक राहगीरों से मदद मांगी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि महिला ने प्रारंभ में मनगढ़ंत कहानी सुनाई कि दो लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था और उसे एक सुनसान घर में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, उसकी पिटाई की और उसके कपड़े ले लिए.
अधिकारी ने कहा, महिला को डर था कि अगर उसके पति को इस बारे में पता चला तो वह उसे छोड़ देगा, इसलिए उसने मनगढ़ंत बात बताई, उन्होंने बताया, लेकिन दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की गई और मोबाइल फोन में कॉल रिकॉडिंग से पता चला कि महिला ने शनिवार शाम को आरोपियों से बात की थी और पैसे लेकर स्वेच्छा से उनके साथ जाने को तैयार हुई थी.
उन्होंने बताया कि महिला शनिवार रात कथित गैंगरेप के आरोपी छोटू सरगरा और गिरधारी से मिली और दोनों ने उसके साथ एक खाली मकान में सहमति से शारीरिक संबंध बनाए. पुलिस के अनुसार ओडिशा की रहने वाली महिला की शादी छह साल पहले एक बिचौलिए के माध्यम से भीलवाड़ा के एक 50 वर्षीय दिव्यांग व्यक्ति से हुई थी.
गौरतलब है विवाहिता ने थाने में दर्ज शिकायत में गैंगरेप की बात कही थी. पुलिस को दिए बयान में महिला ने बताया था कि एक व्यक्ति ने महिला को फोन करके बुलाया था और फिर उसे आमली रोड स्थित एक सुनसान मकान में लेकर जाकर दो लोगों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. महिला की शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और पूछताछ में हुए खुलासे से पुलिस भी दंग रह गई.