Gangster Anand pal Case: गैंगस्टर आनंदपाल बचपन में पढ़ने में बहुत होशियार था. वह पहले टीचर बनना चाहत था, इसलिए ग्रेजुएशन के बाद बीएड तक की पढ़ाई की. इसके बाद आनंदपाल सियासत में कदम रख दिया. आनंदपाल साल 2000 में पंचायत चुनाव लड़ा और जीत गया. पंचायत समिति के चुनाव में वह हार गया. आनंदपाल ने 2006 में अपने दोस्त जीवनराम गोदार की गोली मारकर हत्या कर दी. जुर्म के राह पर चल पड़ा. आनंदपाल सिंह के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या और गैंगवार सहित 24 से अधिक केस दर्ज थे.
आनंदपाल ने जीवनराम गोदार की हत्या कर जुर्म की राह पकड़ी
जीवनराम गोदार ने मदन सिंह राठौड़ की हत्या की थी. इसी का बदला लेने के लिए उसने जीवनराम की हत्या कर दी. जीवनराम जाट समुदाय से थे. इसके बाद आनंदपाल राजपूतों का हीरो बन गया. आनंदपाल सिंह के खिलाफ लूट, डकैती, गैंगवार, हत्या और हत्या के प्रयास सहित 24 से ज्यादा मामले दर्ज थे. साल 2015 में बीकानेर में गैंगवार हुआ. आनंदपाल को गोली लगी. इसके बाद आनंदपाल को अजमेर जेल शिफ्ट कर दिया. सितंबर 2015 में आनंदपाल को पुलिस नागौर पेशी पर ले गई. वापस अजमेर जाते समय आनंदपाल पुलिस कर्मियों को बेहोश करके फरार हो गया.
24 जून 2017 को पुलिस ने आनंदपाल को मार गिराया
आनंदपाल पुलिस कस्टडी से भागा तो पुलिस की बहुत छीछालेदर हुई. पुलिस को सूचना मिली की आनंदपाल मौलासर गांव में है. पुलिस ने 24 जून 2017 को ऑपरेशन चलाया और आनंदपाल को मार गिराया. पुलिस ने एनकांउटर बताया था. इसके बाद रजस्थान में बहुत बवाल हुआ था. आनंपाल के एनकाउंटर को फर्जी बताया था.
आनंदपाल की पत्नी ने पुलिस एनकाउंटर पर किया चैलेंज
आनंदपाल की पत्नी राजकंवर और रुपिंदर सिंह की ओर से वकील भंवर सिंह राठौड़ ने कोर्ट में फर्जी एनकाउंटर को लेकर चैलेंज किया था. वहीं सीबीआई ने इस मामले में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी. साथ ही इसमें कोई फर्जी एनकाउंटर को लेकर एविडेंस नहीं होने की बात कही गई थी. हालांकि मौका-ए-वारदात का नक्शा पेश नहीं किये जाने पर कोर्ट ने आदेश दिया था.
ACJM सीबीआई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ही प्रसंज्ञान लिया
अब ACJM सीबीआई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ही प्रसंज्ञान लिया है. यह वह पुलिसकर्मी हैं जो आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में शामिल थे. वहीं कोर्ट की ओर से CBI की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है. जिस पर कोर्ट ने कुछ सवाल भी खड़े किये हैं. इसके बाद कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिये हैं.