राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का बजट जारी करने के लिए कहा है. अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार ने राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटी कानून बनाया था. इसके तहत गांवों में मनरेगा एवं शहरों में इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिन का रोजगार देने तथा बुजुर्ग, दिव्यांग एवं एकलनारी को न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन देना सुनिश्चित किया गया था. साथ ही, इस पेंशन प्रतिवर्ष15% बढ़ोत्तरी भी होनी थी.
''यह कांग्रेस की न्याय की सोच, जिसे कोई भी सरकार अटका नहीं सकती''
अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है,"भले ही हमारी सरकार बदल गई लेकिन इस कानून के कारण आज राजस्थान की भाजपा सरकार पेंशन की 15% वार्षिक वृद्धि का लाभ 88 लाख से अधिक लाभार्थियों को 1037 करोड़ रुपये का लाभ हस्तांतरित किया जा रहा है. ये कांग्रेस की न्याय की सोच है जिसे कोई भी सरकार अटका नहीं सकती.
हमारी सरकार ने राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटी कानून बनाया जिसके तहत गांवों में मनरेगा एवं शहरों में इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना से 125 दिन का रोजगार तथा बुजुर्ग, दिव्यांग एवं एकलनारी को न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन सुनिश्चित की गई तथा इस पेंशन में 15% बढ़ोत्तरी प्रतिवर्ष…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 27, 2024
उन्होंने कहा, ''इस मौके पर मैं मुख्यमंत्री भजनलाल जी से निवेदन करना चाहूंगा कि उनकी सरकार ने इस एक्ट के तहत चल रही इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का बजट रोका हुआ है जिससे लाखों शहरी जरूरतमंद परिवारों का रोजगार प्रभावित हो रहा है. इस योजना के लिए बजट देकर उन परिवारों को रोजगार दें''.
क्या है इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना?
पिछली गहलोत सरकार ने इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की थी. जिसका मकसद शहरी परिवारों को उनके निवास स्थल के पास रोजगार के अवसर प्रदान करके शक्तिशाली बनाना था. सरकार ने इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 100 दिनों का रोजगार देने की बात कही थी. योजना की शुरुआत के पहले साल इसके लिए 800 करोड़ रुपये का बजट रखा था.