
Rajasthan News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाल ही में दिए गए बयान 'अंग्रेज़ी बोलने वाले पछताएंगे' पर सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया है. गहलोत ने कहा कि भाजपा और आरएसएस अंग्रेजी का विरोध दिखावे के लिए करते हैं, जबकि उनके अपने नेता और मंत्रीगण अपने बच्चों को विदेशों में अंग्रेज़ी माध्यम से पढ़ाते हैं. उन्होंने कहा देश की जनता यह समझती है कि जो नेता जनता से अंग्रेजी दूर रखने की बातें करते हैं, वे खुद अपने बच्चों को विदेश भेजते हैं.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने गरीबों तथा मध्यम वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करीब 3700 महात्मा गांधी अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों की स्थापना की।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 20, 2025
इस फैसले से करीब 6.50 लाख विद्यार्थियों को अंग्रेजी शिक्षा मिलता शुरू हुई।
अंग्रेज़ी माध्यम…
दुनिया के नए रास्ते खोलती है अंग्रेजी: अंग्रेजी
गहलोत ने अमित शाह के बयान को चुनौती देते हुए राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना को देशभर में रोल मॉडल बताया. अशोक गहलोत ने कहा कि "राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए करीब 3700 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की.
इस फैसले से करीब 6.50 लाख विद्यार्थियों को अंग्रेजी शिक्षा मिलता शुरू हुई. अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों के लिए विशेष कैडर निर्माण की दिशा में बड़ी पहल करते हुए 10,000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की. राज्य में आई भाजपा सरकार ने इन अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बन्द करने का प्रयास किया, लेकिन जनता में इनकी लोकप्रियता के कारण ऐसा कदम नहीं उठा सकी.
कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और हम सब हिन्दी के भी पक्षधर हैं. लेकिन अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है जो सभी के लिए दुनिया के नए रास्ते खोलती है. गृहमंत्री अमित शाह एवं भाजपा-RSS के तमाम लोग अंग्रेजी के खिलाफ रहते हैं. हालांकि देश की जनता जानती है कि अधिकांश केन्द्रीय मंत्रियों के बच्चे विदेशों में अंग्रेजी शिक्षा ले रहे हैं और यहां वो जनता को भ्रमित करते हैं.
बचपन में हम लोग भी अंग्रेजी का विरोध करते थे लेकिन अंग्रेजी समय की आवश्यकता हो गई. इसलिए हमने भी खुद की अप्रोच में बदलाव किया. आज कंप्यूटर, इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में अंग्रेजी के माध्यम से युवा पीढ़ी जीवन में पूरी तरह कामयाब हो सकती है."
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