
Gogamedi Fair 2025: राजकीय आत्मनिर्भर मंदिर श्री गोगाजी गोगामेड़ी मेले की शुरुआत साल भाद्रपद पूर्णिमा पर 9 अगस्त को सुबह साढ़े बजे ध्वजारोहण के साथ होगा. यह ऐतिहासिक मेला एक महीने तक चलेगा और 8 सितंबर को विसर्जन के साथ समाप्त होगा. उत्तर भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में शुमार में इस बार 30 से 35 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. ऐसे में जिला प्रशासन और देवस्थान विभाग द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.
लोगों के ठहरने के लिए रैन बसेरे
श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए इस बार लगभग 3000 लोगों की क्षमता वाले निःशुल्क रैन बसेरे बनाए गए. इन रैन बसेरों में बिजली, पंखे, कूलर, पेयजल, विस्तर और स्वच्छ शौचालयों की समुचित व्यवस्था रहेगी. मेले में हर शाम 7 बजे से 10 बजे तक लेजर लाइट और साउंड शो का आयोजन होगा. वहीं 30 और 31 अगस्त को पर्यटन और देवस्थान विभाग की ओर से भव्य सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर से आए कलाकार प्रस्तुति देंगे.
बारिश और धूप से बचाव के लिए टॉवर टेंट
मंदिर परिसर में स्थाई बैरिकेडिंग की गई है, वहीं अस्थाई बैरिकेडिंग में भी शौचालय, पेयजल और हवा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. धूप और बारिश से बचाव के लिए टॉवर टेंट लगाए जा रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिग-जैग बैरिकेडिंग से दर्शन व्यवस्था को और सुगम बनाया गया है. मेले के दौरान आरती का समय निर्धारित किया गया है.
सुबह आरती सुबह 4:30 से 5:30, राजभोग आरती सुबह 10:15 बजे, संध्या आरती शाम 6:30 से 7:30 और शयन आरती रात 9 बजे होगी. गोगामेड़ी सड़क मार्ग से बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों से सीधे जुड़ा है. नजदीकी रेलवे स्टेशन हनुमानगढ़ और गोगामेड़ी है.
श्रद्धालुओं के लिए कई धर्मशालाए
श्रद्धालुओं के रुकने के लिए विभिन्न समाजों और संस्थाओं की धर्मशालाए उपलब्ध रहेंगी. इनमें विभिन्न समाजों की धर्मशालाएं और सेवा समितियां शामिल है. इसके अलावा नोहर रिलीफ सोसायटी, श्री मार्कण्डेय सेवा समिति, गोगाजी सेवा समिति, होटल करणी, बी.एम. होटल, होटल स्वामी और होटल मोती पैलेस जैसे होटल भी व्यवस्था में जुटे हैं.