Rajasthan: राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ट्रैफिक नियम तोड़ने से संबंधित 7 लाख ककेस वापस लेने जा रही है. सीएम भजनलाल शर्मा ने मंजूरी दे दी है. गृह विभाग जल्द ही मामले कोर्ट से वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करेगी. सजा या जुर्माना मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा, जो नियम तोड़ने के आदतन अपराधी हैं. गृह विभाग के अनुसार राज्य सरकार को सीआरपीसी की धारा-321 के तहत अदालतों में विचाराधीन प्रकरण वापस लिए जाने का अधिकार प्राप्त है.
चोरी से संबंधित मामले वापस नहीं होंगे
इसी के तहत सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट के अधीन ट्रैफिक नियम तोड़ने से संबंधित मामलों को वापस लेने का फैसला लिया है. इसमें एक शर्त रखी गई है कि मामला चोरी से संबंधित नहीं होना चाहिए. इस धारा के तहत उनका पहला अपराध ही हो. केवल जुर्माने से संबंधित मामला होना चाहिए. अभियुक्त कोर्ट में उपस्थित हो रहा है.
7 लाख से ज्यादा मामला पेंडिंग
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरया के सदस्य सचिव हरिओम अत्री के अनुसार, "हमारा काम महिला और बच्चों के साथ ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग करना है, जो सामान्य प्रकृति के हैं. मोटर व्हीकल एक्ट 1988 से संबंधित 7 लाख से ज्यादा मामला पेंडिंग है. इनमें बड़ी संख्या में मामले थानों में ही धूल फांक रहे थे. उनकी सुनवाई का समय भी खत्म हो गई थी. सरकार को इसके निस्तारण के लिए सुझाव दिए गए थे. अब सरकार का निर्णय है कि वह क्या करती है?
सरकार से मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
गृह विभाग का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश पारित होते ही अभियोजन विभाग कोर्ट से मामला वापस लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा. इसमें संबंधित कोर्ट में सरकारी वकील सरकार की अनुशंसा पेश करेंगे. सीएम की मंजूरी मिल गई. प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी.
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