Rajasthan News: राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दौरान 5 विधायक ने जीत हासिल कर अब सांसद बन गए हैं. इसके बाद पाचों सांसदों ने अब अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, इस्तीफा देने के बाद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने सुझाव दिया है. नागौर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को सुझाव दिया कि यदि कोई विधायक लोकसभा के लिए चुना जाता है, तो उसे दोनों सदनों (विधानसभा और लोकसभा) का सदस्य बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए.
हनुमान बेनीवाल ने कहा, यह प्रावधान अमेरिका में भी है, तो भारत में ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए? वह मंगलवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
पांच सीटों पर विधायक पद से दिया इस्तीफा
पांच विधानसभा सीटों के नवनिर्वाचित सांसदों ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है. इसमें दौसा- मुरारी लाल मीणा (कांग्रेस), देवली उनियारा- हरिश्चंद मीणा (कांग्रेस), झुंझुनूं- बृजेंद्र सिंह ओला (कांग्रेस), खींवसर- हनुमान बेनीवाल (RLP) और चौरासी- राजकुमार रोत (BAP) शामिल हैं.
संविधान में क्या है नियम
हनुमान बेनीवाल ने नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की है. राजस्थान में आरएलपी, 'इंडिया' गठबंधन की घटक है. संविधान के अनुच्छेद 101(2) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति संसद और राज्य विधानमंडल दोनों का सदस्य नहीं हो सकता है.
हनुमान बेनीवाल ने कहा खींवसर से RLP अकेली चुनाव लड़ेगी
हनुमान बेनीवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी आरएलपी खींवसर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेगी. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी से चर्चा की जाएगी लेकिन आरएलपी चुनाव जरूर लड़ेगी.
बेनीवाल ने कहा कि वह अग्निवीर योजना के बजाय सेना में जवानों की भर्ती के पुराने तरीके को बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाएंगे.
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