
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने आयुर्वेद डॉक्टरों की रिटायरमेंट की उम्र को 60 से बढ़ाकर 62 साल करने के आदेश की पालना नहीं होने पर नाराजगी जताई है. दरअसल जजों ने आयुर्वेद डॉक्टरों की याचिका पर फैसला सुनाया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि मामले में 13 जुलाई 2022 को दिए गए आदेश की पालना होने तक आयुर्वेद निदेशक का वेतन रोक दिया जाए. जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस प्रमिल माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश महेंद्र कुमार गुप्ता व अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.
डॉक्टरों को सेवा में वापस लेने के आदेश
कोर्ट ने कहा कि 62 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके आयुर्वेद चिकित्सकों को लाभ दिया जाए और इस आयु के अंतर्गत आने वाले डॉक्टरों को सेवा में लिया जाए. अवमानना याचिका में वकील नितेश कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट ने 13 जुलाई 2022 को आदेश जारी कर आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दी थी. वहीं, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए 30 जनवरी 2024 को विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी.
आयुर्वेद निदेशक का वेतन रोकने का दिया आदेश
इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से आदेश का अनुपालन नहीं किया गया. अवमानना याचिका में कहा गया कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने पर दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाए. साथ ही आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आदेश का अनुपालन होने तक आयुर्वेद निदेशक का वेतन रोकने का आदेश दिया है.
आयुर्वेद डॉक्टरों ने कोर्ट में की थी अपील
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी थी. इसी आधार पर आयुर्वेद डॉक्टरों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
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