सुप्रीम कोर्ट में आज 15 लाख नौकरियां बचाने वाले मामले पर सुनवाई, राजस्थान सरकार ने मांगा था 1 साल का समय

राजस्थान सरकार ने अदालत से अपील की है कि इन खनन लाइसेंसों में से आधे से अधिक गरीब और कमजोर वर्गों, भूमिहीन मजदूरों, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों, शहीदों के परिवारों और अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को दिए गए हैं.

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फोटो : पीटीआई

Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राजस्थान सरकार की खनन लाइसेंस विस्तार याचिका पर सुनवाई होगी. मामले की सुनवाई भारत के नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना करेंगे. राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT)  के एक आदेश के बाद सबसे बड़ी अदालत का रुख किया था.

दरअसल NGT ने प्रदेश की 23000 खानों के पट्टों को बंद करने आदेश दिया था. अधिकरण ने पर्यावरण के नियमों की अवहेलना करने के लिए इन खानों के पट्टे रद्द कर दिए थे. जिसके बाद राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की थी इस मामले पर जल्द सुनवाई की जाए. 

सरकार की दलील- 15 लाख लोगों का रोज़गार छिन जायेगा 

राजस्थान सरकार की दलील थी कि खाने बंद होने से करीब 15 लाख लोगों का रोज़गार छिन जाएगा. जिससे प्रदेश में बड़ा संकट आ सकता है. सरकार ने पर्यावरण से जुड़े सभी मापदंडों को पूरा करने के लिए अदालत से एक साल का समय मांगा था. हालांकि अदालत ने 13 नवंबर तक NGT के आदेश पर स्टे लगा दिया था. अब आज नए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना इस मामले की सुनवाई करेंगे. 

अपील में कहा गया है कि इन खनन लाइसेंसों में से आधे से अधिक गरीब और कमजोर वर्गों, भूमिहीन मजदूरों, गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों, शहीदों के परिवारों और अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को दिए गए हैं.

संतुलित दृष्टिकोण के लिए याचिका

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि खदानों को बंद करने के महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर विचार किया जाए और एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए जो पर्यावरणीय अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय प्रदान करते हुए आजीविका को खतरे में डाले बिना कार्यान्वित हो सके.

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