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This Article is From Mar 31, 2024

राजस्थान के घुड़सवारों ने 350 किलोमीटर का सफर तय कर इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में बनाई जगह

इस पूरे सफर की योजना मल्लिका सिंह ने बनाई थी. वो घुड़सवारी के शौक़ीन लोगों के लिए एक ट्रेवल कंपनी भी चलाती हैं. जिनका नाम " बाईसा एडवेंचर्स " है. मल्लिका का कहना है कि कई पुरुष देश-विदेश से घुड़सवारी और सफारी करने के लिए आते है लेकिन इसमें महिलाओं की संख्या बहुत कम होती हैं.

राजस्थान के घुड़सवारों ने 350 किलोमीटर का सफर तय कर इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में बनाई जगह

राजस्थान के घुड़सवारों को रेगिस्तान में सबसे लम्बा सफर तय करने के लिए इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स (India Book of Records) में जगह मिली है. रघुवेन्द्र सिंह दुनलोड के नेतृत्व में मल्लिका सिंह, प्रीती वर्मा और नवनीत राज ने ये ख़िताब अपने नाम किया है, उनके साथ 15 और घुड़सवार भी शामिल थे. 6 दिन का ये सफर बीकानेर के गजनेर से शुरू हुआ और 350 किलोमीटर का सफर तय करते हुए ये नागौर में खत्म हुआ.

इस पूरे सफर की योजना मल्लिका सिंह ने बनाई थी. वो घुड़सवारी के शौक़ीन लोगों के लिए एक ट्रेवल कंपनी भी चलाती हैं. जिनका नाम " बाईसा एडवेंचर्स " है. मल्लिका का कहना है कि कई पुरुष देश-विदेश से घुड़सवारी और सफारी करने के लिए आते है लेकिन इसमें महिलाओं की संख्या बहुत कम होती हैं.

उनका कहना है कि वो इसके ज़रिए महिला घुड़सवारों को भी प्रोत्साहन देना चाहती है. वो कहती हैं " ज़्यादा महिलाएं मुझे घुड़सवारी में दिखती नहीं हैं और सफारी के मामले में खासकर महिला पोलो खेलते है, लेकिन मैं चाहूंगी की महिलाएं यहां आए घुड़सवारी करें, आखिर हमको अपना ड्रीम पूरा करना है "

इनके साथ प्रीती वर्मा भी थीं जो अब बॉलीवुड की दुनिया में प्रवेश कर रही हैं. प्रीती ने इम्तियाज अली के साथ 'लव आज कल' में एक रोल भी अदा किया है और यूफोरिया के पलाश सेन के साथ एक म्यूजिक वीडियो " जाने खुदा " भी बनाया है. वो कैलाश खेर के साथ 'गोपाला' भी में शामिल हुई हैं. प्रीती का कहना है, वो बचपन से ही घुड़सवारी करती आई हैं.

वो कहती हैं, 'मैंने राइडिंग शुरू से किया है और मैं घुड़सवारी की ब्रांड एम्बेसडर हूं. हम हर दिन 50 से 60 किलोमटेर ट्रेवल करते थे. दिन में गर्मी और रात को सर्दी, लेकिन बहुत बढ़िया था, बहुत मज़ा आया, घोड़े के साथ एक अलग रिश्ता होता है "

बैंगलोर से आए नवनीत राज का कहना है कि मारवाड़ी घोड़ों का इस सफर में इस्तेमाल करके ये भी सन्देश गया है कि इस नस्ल को बचाना ज़रूरी है  वो कहते हैं, 'मारवाड़ी घोड़े लॉन्ग डिस्टेंस के लिए अच्छे होते है, वो डरते नहीं है, मेरे पास मारवाड़ी घोड़े हैं और मैं मारवाड़ी घोड़े को लेकर काफी काम कर रहा हूं'.

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