विज्ञापन

सेना का MI-17 हेलीकॉप्टर, MP से राजस्थान कैसे आई बाघिन? राज्य के पहले टाइगर ट्रांसलोकेशन की कहानी

DFO अरुण कुमार ने बताया कि यह स्थानांतरण केवल बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि नस्ल सुधार और जीन-पूल को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है. पेंच टाइगर रिज़र्व की बाघिन को उसकी बेहतर जेनेटिक क्वालिटी के कारण चुना गया.

सेना का MI-17 हेलीकॉप्टर, MP से राजस्थान कैसे आई बाघिन? राज्य के पहले टाइगर ट्रांसलोकेशन की कहानी

Ramgarh Vishdhari Tiger Reserve: बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में सोमवार की सुबह एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बनी, जब मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व से लाई गई बाघिन PN-224 को बजालिया क्षेत्र में बनाए गए सॉफ्ट एनक्लोजर में सफलतापूर्वक शिफ्ट किया गया. सुबह ठीक 6 बजकर 35 मिनट पर बाघिन को सुरक्षित रूप से एनक्लोजर में छोड़ा गया, जिसके साथ ही रामगढ़ के जंगलों में एक बार फिर बाघ की दहाड़ गूंज उठी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस ऐतिहासिक पल की जानकारी सोशल मीडिया पर फोटो साझा कर सार्वजनिक की. यह राजस्थान का पहला सफल अंतर्राज्यीय बाघ ट्रांसलोकेशन है, जिसे वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है.

रात साढ़े दस बजे जयपुर पहुंची थी बाघिन

बाघिन PN-224 को भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर से पेंच टाइगर रिज़र्व से एयरलिफ्ट कर जयपुर लाया गया. रात करीब 10:45 बजे हेलीकॉप्टर ने जयपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की. इस पूरी प्रक्रिया में वायुसेना और वन विभाग की टीमों के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला. हेलीकॉप्टर से बाघिन के सुरक्षित कैरियर बॉक्स को उतारने के बाद विशेष प्रोटोकॉल के तहत उसे सड़क मार्ग से बूंदी के लिए रवाना किया गया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, पशु चिकित्सकों की निगरानी और पुलिस एस्कॉर्ट के बीच यह यात्रा पूरी की गई.

7 घंटे का सफर तय कर रामगढ़ पहुंची

जयपुर से बूंदी तक का लगभग 7 घंटे का यह सफर बेहद संवेदनशील रहा. सोमवार अलसुबह रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व पहुंचने पर बाघिन का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. पशु चिकित्सकों की टीम ने उसे पूरी तरह स्वस्थ और स्थिर पाया, जिसके बाद उसे बजालिया क्षेत्र में बने सॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ा गया.इस दौरान कोटा CCF सुगना राम जाट, DFO अरुण कुमार डी, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे.

अभी एनक्लोजर में रहेगी, फिर खुले जंगल में छोड़ी जाएगी

DFO अरुण कुमार ने बताया कि बाघिन को सीधे खुले जंगल में नहीं छोड़ा गया है, बल्कि पहले उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा गया है. यहां उसके व्यवहार, सेहत और नए पर्यावरण के साथ सामंजस्य की बारीकी से निगरानी की जाएगी. जब बाघिन पूरी तरह स्वस्थ, शांत और अनुकूल पाई जाएगी, तब उसे खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए अलग-अलग मॉनिटरिंग टीमें 24 घंटे निगरानी रखेंगी.

पहली बार हवाई मार्ग से हुआ बाघ का स्थानांतरण

DFO अरुण कुमार ने बताया कि यह स्थानांतरण केवल बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि नस्ल सुधार और जीन-पूल को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है. पेंच टाइगर रिज़र्व की बाघिन को उसकी बेहतर जेनेटिक क्वालिटी के कारण चुना गया. रामगढ़ टाइगर रिज़र्व के संस्थापक सदस्य त्रिभुवन सिंह हाड़ा ने बताया कि आमतौर पर बाघों का ट्रांसलोकेशन सड़क मार्ग से होता है, लेकिन इस बार हेलीकॉप्टर का चयन कम समय, अधिक सुरक्षा और बाघिन पर कम तनाव को ध्यान में रखकर किया गया.

हेलीपैड बना, लेकिन अनुमति नहीं मिली

योजना के तहत बूंदी में हेलीकॉप्टर लैंडिंग के लिए हेलीपैड भी बनाया गया था और ट्रायल भी किया गया. हालांकि, तकनीकी कारणों से अनुमति नहीं मिलने के चलते बाघिन को सीधे जयपुर लाया गया और वहां से सड़क मार्ग से बूंदी भेजा गया.

इन-ब्रीडिंग का खतरा बना कारण

वन विभाग के अनुसार, राजस्थान के टाइगर रिज़र्व, रणथंभौर, सरिस्का, मुकंदरा, करीली और रामगढ़, में लंबे समय से बाघों का स्थानांतरण मुख्य रूप से रणथंभौर से ही होता रहा है. इससे इन-ब्रीडिंग का खतरा बढ़ने लगा था. इसी कारण पिछले दो वर्षों से अन्य राज्यों से बाघ लाने की योजना पर काम चल रहा था, जो अब सफल हुई है. योजना के दूसरे चरण में कान्हा या बांधवगढ़ से एक और बाघिन को मुकंदरा टाइगर रिज़र्व में छोड़े जाने की तैयारी है.

रामगढ़ में 7 है बाघों कुनबा, नई बाघिन आने से संख्या हुई 8

जानकारी के अनुसार रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 7 बाघों की मौजूदगी है. जिसमें एक बाघिन है. वही 2 नर व एक बाघिन है जो स्वतंत्र रूप से जंगल में विचरण कर रहे है. पिछले दिनों भैरूपुरा गांव के पास बजीं अपने एक शावक के साथ कमरे में ट्रैप हुई थी. डीएफओ अरुण कुमार ने बताया कि मध्य प्रदेश से बाघिन को यहां पर शिफ्ट कर दिया है जो संख्या बढ़कर 8 हो गई है. अभयारण्य में प्रवेश बनाने के लिए 500 चीतलो को छोड़ने की भी मंजूरी मिल गई है. निश्चित रूप से आने वाले समय पर रामगढ़ अभ्यारण में भावों का कुनबा बनेगा और लगातार सरकार इस विकास में गति देने में लगे हुए है.

यह भी पढ़ें- न एडमिशन, न आय प्रमाण पत्र... फिर भी बांट दी स्कॉलरशिप; राजस्थान में छात्रवृत्ति में बड़ा घोटाला

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close