
Rajasthan Illegal Mining: राजस्थान विधानसभा में बुधवार (19 मार्च) को प्रदेश में हो रहे अवैध खनन को लेकर पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए अवैध खनन के मुद्दा उठाकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन चरम पर है और सरकार आंखें मूंदे बैठी है. उन्होंने अवैध खनन को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए और कहा कि प्रदेश में खनन माफिया बेखौफ हो चुके हैं. सरकार की ओर से इस पर जवाब नहीं मिलने पर कांग्रेस ने विरोध स्वरूप सदन से बाहर चले गए.
जूली ने मंत्री अविनाश गहलोत पर कसा तंज
नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि यह सरकार के लिए शर्म की बात है, जब उच्च न्यायालय को यह कहना पड़े कि सरकार जांच में पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है, तो सीआरपीएफ की मदद लीजिए. वहीं, मंत्री अविनाश गहलोत के एक बयान पर सवाल उठाते हुए टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार के एक मंत्री डीएसपी को कह रहे हैं कि अवैध खनन करने वालों को मत पकड़ो. यह साफ दर्शाता है कि सरकार ही खनन माफिया को संरक्षण दे रही है.
इस दौरान जूली ने सीएम भजनलाल और गृह राज्यमंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री के क्षेत्र में भी अवैध खनन जोरों पर है. भरतपुर और डीग में खनन के 413 पट्टे हैं, लेकिन दो साल में 322 अवैध खनन के मामले दर्ज हुए हैं.
भू-जल संरक्षण की बात ही नहीं की गई
राजस्थान भू-जल संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक पर बोलते हुए जूली ने कहा कि पानी के साथ प्रदूषण भी फैल रहा है. सतही जल की गहराई और नीचे जा रही है, प्रदेश की हालत खराब है, लेकिन जिस मंशा के तहत इस बिल को लाया गया वह गलत है. इसमें भू-जल संरक्षण की बात ही नहीं की गई है.
जूली ने कहा कि जितनी पानी आवश्यकता है उससे ज्यादा राजस्थान में बारिश होती है, लेकिन पानी का संरक्षण नहीं होता, संचय नहीं होने की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल जनता के साथ खिलवाड़ करने वाला बिल है. इसको जनमत जानने के लिए भेजना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिल में जो प्रावधान किए गए हैं, ऐसा कानून पहले भी था. बोरिंग पर प्रतिबंध था लेकिन फिर इसमें नये प्रावधान कर दिए.
उन्होंने कहा कि आमतौर हैंडपंप पर लोग पानी लेते हैं, लेकिन अब आपने हैंडपंप पर भी रोक लगा दी तो आम आदमी क्या करेगा? यह तानाशाही है.
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