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This Article is From Mar 12, 2024

Rajasthan: बूंदी में बाजार बंद, कलेक्ट्रेट के सामने धरना, पुलिसबल की तैनाती, जानें क्या है पूरा मामला?

पिछले 5 सालों की बात की जाए तो गोवंश के लड़ने या सांडों के लड़ने के चलते आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. ढाई साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत के मामले में कोर्ट ने 11 महीने पहले नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 वसूलने का आदेश दिए थे.

Rajasthan: बूंदी में बाजार बंद, कलेक्ट्रेट के सामने धरना, पुलिसबल की तैनाती, जानें क्या है पूरा मामला?
बूंदी में बंद

Bundi Market Close: बूंदी नगर परिषद एवं जिला प्रशासन के उदासीनता पूर्ण रवैये से नाराज गोभक्त एक बार फिर से आंदोलन की राह पर हैं. गोभक्तों ने शहर में विचरण कर रहे बेसहारा एवं निराश्रित नंदी गोवंश को रामगंज बालाजी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निकट स्थित नवनिर्मित नगर परिषद की नंदी गौशाला में शिफ्ट करने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है. आज लोगों ने बूंदी बंद का आह्वान किया जिसके तहत शहर के पूरे बाजार बंद रहे.

इस दौरान बंद का असर देखने को मिला, कुछ जगहों पर बाजार खुलने की सूचना पर गोभक्त पहुंचे और दुकानों को बंद करवा कर बंद को सफल बनाया. इसके बाद प्रदर्शनकारी चौगान गेट पर बड़ी संख्या में पहुंचे और प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. प्रदर्शन को देखते हुए जिला कलेक्टर छावनी की तरह तब्दील रहा यहां अंदर घुसने को लेकर प्रदर्शनकारी पुलिस के बीच में नोकझोंक भी हुई. वही बंद को विभिन्न राजनीतिक, व्यापारिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग का समर्थन मिला.

प्रदर्शन कर रहे प्रशांत मोदी ने कहा कि आए दिन गोवंश के टकराने से आमजन की जान जा रही है. नंदीशाला कंप्लीट हो चुकी है तो क्यों गोवंशों को शिफ्ट करने में नगर परिषद देरी कर रहा है. गोवंश से कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें कुछ लोगों की मृत्यु तक हो चुकी है तथा गोवंशों का उचित समाधान नहीं करने से गोवंश भी दर-दर भटकने पर मजबूर है.

नंदी शाला का निर्माण हुआ, लेकिन उदासीन नगर परिषद

उन्होंने कहा कि, कई बार धरना प्रदर्शन के बाद नंदी शाला के लिए जमीन आवंटित हुई और बमुश्किल नगर परिषद द्वारा वहां पर चार दीवारी निर्माण करवा कर दोनों और गेट लगवा दिए गए परंतु अब फिर से नगर परिषद के अधिकारी गोवंश को नंदी शाला में शिफ्ट करने को लेकर उदासीनता बरत रहे हैं. माहेश्वरी ने कहा कि प्रशासन शीघ्र शहर के निराश्रित गोवंश को नंदी शाला में शिफ्ट करें. उन्होंने कहा कि गोवंश को नंदी शाला में शिफ्ट नहीं करने तक गोभक्तों का आंदोलन जारी रहेगा.

अब तक आधा दर्जन लोगों की हो चुकी है मौतें

पिछले 5 सालों की बात की जाए तो गोवंश के लड़ने या सांडों के लड़ने के चलते आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. ढाई साल पहले दो सांडों की लड़ाई में शहर के ब्रह्मपुरी निवासी मुकेश दाधीच की मौत के मामले में कोर्ट ने 11 महीने पहले नगर परिषद से क्लेम राशि के रूप में 23 लाख 60 हजार 500 वसूलने का आदेश दिए थे.

इसी तरह चूमुखा बाजार और कोटा रोड निवासी कागजी देवरा निवासी युवकों की मौत हो चुकी है. लोगों ने बताया की कई बार गाय सांड के कारण बच्चे महिलाएं यहां घायल हो चुकी हैं. इनके कारण बुजुर्गों का घूमना सैर करना भी मुश्किल हो गया है. रात के समय घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है. कोई पता नहीं कब वो लड़ते हुए सड़क पर आकर दुर्घटना का कारण बन जाएं. यही नहीं, अभी तक इन आवारा सांडों की लड़ाई में दर्जनों कारें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.

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