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राजस्थान में साइबर ठगों ने फैलाया नया जाल, पुलिस बनकर बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा... अभिभावक से मोटी रकम की डिमांड

बूंदी जिले में साइबर ठग अपने आप को पुलिस बताकर बच्चों को रेप केस में फंसे होने की जानकारी दे रहे हैं. जबकि उन्हें इन मामलो को रफा दफा से लिए मोटी रकम मांग रहे है.

राजस्थान में साइबर ठगों ने फैलाया नया जाल, पुलिस बनकर बच्चों के नाम पर फर्जीवाड़ा... अभिभावक से मोटी रकम की डिमांड
बूंदी में साइबर ठगों ने फैलाया नया जाल.

Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले में साइबर ठगो ने पेरेंट्स की टेंशन बढ़ा दी है. साइबर ठग अपने आप को पुलिस बताकर बच्चों को रेप केस में फंसे होने की जानकारी दे रहे हैं. जबकि उन्हें इन मामलो को रफा दफा से लिए मोटी रकम मांग रहे है. इस बात का तब खुलासा हुआ जब एक के बाद एक 10 से अधिक अभिभावकों को इस प्रकार के फोन कॉल्स आए तो पुलिस थाने पहुंचे और मामले की जानकारी दी. पुलिस ने जांच की तो साइबर ठग निकले. साइबर ठगों की जाल में एक महिला अभिभावक शिकार भी हुई है. उनसे 20 हजार रुपये ठग लिये गए. इस पर पुलिस ने अभिभावकों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर ठगो की तलाश शुरू कर दी है.

वहीं जिले में यह एक या दो नहीं करीब 10 से 15 बच्चों के अभिभावकों के पास ठगों ने फोन कर मोटी रकम मांगी है. हालांकि अभिभावकों की सतर्कता काम आई और एक को छोड़ किसी ने भी अपने खून-पसीने की कमाई को इन जालसाजों को नहीं भेजी.

साइबर ठग के कॉल आने पर पहुंची पुलिस

जानकारी के अनुसार बूंदी शहर के कुंभ स्टेडियम निवासी कौशल किशोर शर्मा ने बताया कि सुबह के करीब 10 बजे उसके पास एक फोन आया था. फोन पर कहा गया कि आप कौशल शर्मा बोल रहे, मैं सदर थाना कोटा से बोल रहा हूं. आपके बच्चे ने तीन अन्य बच्चों के साथ मिलकर किसी लड़की का रेप कर दिया है. मैं उसे यहीं फ्री कर दूंगा. ठगों ने मेरे बेटे जो कोटा से एलएलबी कर रहा है कि आवाज में रोते हुए फोन पर भी बात करवाई. जिसमें मेरा पुत्र स्वयं को इनसे छुड़वाने की विनती कर रहा था. ठग ने कहा कि आप फोन मत काटना मैं इसको आरोप से मुक्त कर दूंगा. इस पर कोशोल किशोर के फोन काट दिया. सीधा अपने पुत्र को फोन किया तो वो कक्षा में अध्ययन करता हुआ मिला. जिसके बाद राहत की सांस ली. 

इसी प्रकार छत्रपुरा निवासी रितेश कोठारी ने बताया कि उनका बेटा भी कोटा में एक कोचिंग में पढ़ाई कर रहा है. सुबह 11 बजे उनके पास भी एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया और कहा कि आपके बच्चे ने तीन अन्य बच्चों के साथ मिलकर किसी लड़की का रेप कर दिया है या फिर आपके बच्चे का किडनेप हो गया है. आरोपियों ने रोने की आवाज भी बच्चे की सुनवाई और मैंने उनसे जानकारी ली तो उन्होंने सदर थाना कोटा का होना बताया. आरोपियों ने डीएसपी के दबाव में आकर बच्चों को फसाने की बात भी कहीं. पीड़ित रितेश कोठारी ठगो की इस धमकी से डर गया और तुरंत कॉल काटकर उसने अपने पुत्र को कॉल किया तो पुत्र ने दो बार कॉल नहीं उठाया, मां को कॉल करने पर भी मां ने भी कॉल नहीं उठाया. ऐसे में फिर आरोपियों का कॉल आया तो उन्होंने मामले को रखा दबाव करने की आवाज में 50 हजार की मांग की. पीड़ित रितेश कोठारी डरकर पुलिस के पास पहुंचा और मामले की जानकारी दी.

बूंदी कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने इस मामले की जानकारी ली तो आरोपी साइबर ठग निकले तब जाकर रितेश कोठारी ने राहत ली. कुछ देर बाद उनके पुत्र का भी कोटा से फोन आ गया तो पुत्र ने बताया कि वह क्लास में होने के चलते उन्हें कॉल का रिप्लाई नहीं दे रहा था. इसी प्रकार सोत्या पाड़ा निवासी संजय शर्मा के पास भी इसी तरह के फोन आया. संजय का पुत्र जयपुर में सीए इंटर की पढ़ाई कर रहा. वहीं बूंदी में देवपुरा प्रताप नगर हाल निवास कोटा में बंसत बिहार राजकुमारी हाड़ा का पुत्र भी नीट की पढ़ाई कर रहा है. वहीं बूंदी जिले के रानीपुरा का रहने वाले का पुत्र कोटा में ही नीट की पढ़ाई कर रहा है, जिसको ठग ने यह कह कर फोन किया कि आपका बेटा किडनेप हो गया.

एक महिला अभिभावक से ठगे 20 हजार

पीड़ित रितेश कोठारी ने बताया कि ठग इतने शातिर थे कि अलग-अलग नंबरों से फोन कर रेप में फंसाने या किडनेप होने की अभिभावकों को दे रहे थे, अलग-अलग रकम मांगी. शहर के बिबनवा रोड निवासी एक महिला अभिभावक से यहां तक कह दिया बच्चे की एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे 50 हजार रुपए दे दो और मामला रफादफा कर दो नहीं तो 6 साल की सजा है. इस पर महिला अभिभावक डर गई और उसने आरोपियों के बताए हुए खाते में 20 हजार भी डाल दिए. बाद में बेटे से बात होने पर उसने इस बात की जानकारी दी कि वह ना तो किडनैप हुआ है ना ही उन्होंने किसी के साथ रेप किया है वह तो क्लास में पढ़ाई कर रहा था. तब बच्चे की खेर खबर ली तब अभिभावकों ने राहत की सांस ली.

एसपी बोले, जागरूक होने की जरूरत, जल्द आरोपी गिरफ्त होने

एसपी जय यादव ने बताया कि ठग सोशल मीडिया पर बनी आईडी से भी डाटा निकाल कर फोन कर ठगी कर रहे है. हालांकि बच्चों का डाटा चुराकर उनके अभिभावकों को फोन कर मोटी रकम मांगने का यह राजस्थान में संभवतया पहला मामला सामने आया है. ऐसे में सभी को सावधान रहने की जरूरत है. आमजन से अपील है कि किसी भी तरह की गोपनीय सूचना अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर नहीं करें. इसमें खासकर बच्चे जो इंस्टाग्राम या फेसबुक की बीओ में पसर्नल डाटा नहीं डाले. प्रशासन को सामाजिक संगठनों व शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर साइबर जागरूकता प्रोगाम चला रहे है, ताकि लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता फैले और साइबर ठगी से बच सके.

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