
शादी करवाने का झांसा देने के नाम पर दो लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार ने नागौर डेगाना निवासी एक महिला सहित तीन पुरुषों के खिलाफ ठगी का मुकदमा सिविल लाइन थाने में इस्तगासे के जरिये दर्ज कराया है. सिविल लाइन थाने के एएसआई हरि सिंह यादव ने बताया कि 13 दिसंबर को माननीय न्यायालय की ओर से एक इस्तगासा प्राप्त हुआ.
क्या है पूरा मामला
मामले पर अजमेर तोपदड़ा निवासी तारा देवी ने नागौर डेगाना निवासी लाल सिंह, जय सिंह, हरीसिंह और एक महिला के खिलाफ शिकायत दी. शिकायत में यह बताया कि तारा देवी के बेटे की शादी कराने के लिए तीनों आरोपी को दो लाख रुपए दिए थे और दो महीने के अंदर बेटे की शादी करने की बात तय हुई थी, लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी न ही तारा देवी को पैसा वापस कर रहे हैं और ना ही उनके बेटे की शादी करा रहे हैं.
पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक पीड़िता द्वारा कई बार रुपए पैसा मांगने की कोशिश की गई, लेकिन तीनों आरोपियों ने पैसे नहीं लौटाए. इससे खफा होकर तारा देवी ने माननीय न्यायालय की शरण ली और माननीय न्यायालय ने तारा देवी की शिकायत पर सिविल लाइन थाने को चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
जानें क्या होता है इस्तगासा
आसान शब्दों में कहें तो किसी व्यक्ति द्वारा अपराधिक मुकदमा चलाने के लिए किसी न्यायालय के समक्ष परिवाद या प्रार्थना पत्र पेश किया हो, उसे इस्तगासा कहा जाता है. इस्तगासा की जरूरत उस वक्त पड़ती है जब किसी अपराधिक रिपोर्ट के लिए व्यक्ति द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है.
ऐसे में उस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष न्यायालय में इस्तगासा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करता है. फिर न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाते हैं कि पुलिस इस मामले को दर्ज करे. सीआरपीसी की धारा 156/3 के अंतर्गत कोर्ट में पेश परिवाद इस्तगासा कहलाता है.
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