
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है. उदयपुर में एक 6 साल की बच्ची की मौत हो गई है, जिसका इलाज एक होम्योपैथी डॉक्टर कर रहा था. बताया जा रहा है कि बच्ची को डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद उसकी अचानक तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. उदयपुर के मावली उपखंड की बोयणाग्राम पंचायत में एक 6 वर्षीय बच्ची का इलाज आसोलियों की मादड़ी चौराहे पर स्थित एक निजी क्लिनिक पर किया जा रहा था. लेकिन बच्ची की संदिग्ध मौत हो गई. आश्चर्य की बात यह है कि क्लिनिक पर अंग्रेजी, आयुर्वेदिक और जानवरों की दवा सभी दिये जाते थे.
वहीं घटना के बाद गुस्साए परिजन और ग्रामीणों ने क्लिनिक पर जमकर तोड़फोड़ की और डॉक्टर राजेंद्र नागदा को घेरकर हंगामा किया. भीड़ ने डॉक्टर के साथ धक्का मुक्की की . माहौल बिगड़ता देख मोके पर मावली एसडीएम रमेश सिरवी, तहसीलदार कैलाश विश्नोई और थानाधिकारी अशोक कुमार विश्नोई पहुंचे. मृतक बच्ची चंचल गमेती (6 वर्ष) पुत्री रमेश गमेती निवासी बोयणा के रूप में हुई.
इंजेक्शन देने के बाद इलाज करने से किया इनकार
परिजनों का कहना था कि बच्ची को तबीयत खराब होने पर पिता उसे नागदा क्लिनिक लेकर गए. डॉक्टर ने बच्ची को दवा दी और एक इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया. लेकिन घर लौटते वक्त रास्ते में ही बच्ची अचानक बेहोश होकर नीचे गिर गई. परिजन तुरंत बच्ची को लेकर वापस क्लिनिक पहुंचे. वहां डॉक्टर नागदा ने बच्ची की सांसें बंद होना बताई और इलाज करने से मना कर दिया. इसी बात पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने क्लिनिक में तोड़फोड़ कर दी. घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ क्लिनिक पर जमा हो गई. परिजन बच्ची का शव लेकर धरने पर बैठ गए और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा मुआवजे की मांग पर अड़ गए.
13 लाख मुआवजे और डॉक्टर पर कार्रवाई का आश्वसान
प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर परिवार और लोगों को समझाया, लेकिन परिजन मुआवजे और कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे. करीब दो घंटे के हंगामे के बाद जन प्रतिनिधियो व सरपंच पिंटू डांगी की मौजूदगी में 13 लाख 21 हजार रुपए मुआवजे पर सहमति बनी. प्रशासन ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है.
घटना के बाद चिकित्सा प्रभारी हितेश प्रताप सिंह, भाजपा नेता कुलपति सिंह चुंडावत और धूणी माता सरपंच नरेश मेघवाल भी मौके पर पहुंचे. इस घटना के बाद इलाके में आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि बिना योग्य डिग्री और सुविधा के इलाज करने वाले डॉक्टर लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं. अब ग्रामीणों ने आरोपी डॉक्टर पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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