Rajasthan News: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने गुरुवार को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX Mission) के तहत अंतिरक्ष में दो सैटेलाइट जोड़कर इतिहास रच दिया है. स्पेस डॉकिंग में सफलता हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है. इससे पहले यह कमाल सिर्फ अमेरिका, चीन और फेहरिस्त की कर पाए हैं.
'गर्व महसूस हो रहा है'
इसरो ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है. इसरो को स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग' में ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई है. इस क्षण का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है.'
SpaDeX Docking Update:
— ISRO (@isro) January 16, 2025
Post docking, control of two satellites as a single object is successful.
Undocking and power transfer checks to follow in coming days.
#SPADEX #ISRO
पीएम मोदी ने दी बधाई
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के साइंटिस्ट को बधाई देते हुए 'एक्स' लिखा, 'स्पेस में दो सैटेलाइट की डॉकिंग के सफल प्रदर्शन के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और संपूर्ण अंतरिक्ष बिरादरी को ढेर सारी बधाई. यह आने वाले साल में भारत के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.''
30 दिसंबर को शुरू हुआ था मिशनCongratulations to our scientists at @isro and the entire space fraternity for the successful demonstration of space docking of satellites. It is a significant stepping stone for India's ambitious space missions in the years to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2025
इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को स्पेडेक्स मिशन शुरू किया था. दो छोटे सैटेलाइट, SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले PSLV C60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले ‘लॉन्चपैड' से उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दोनों छोटे सैटेलाइट को लक्षित तरीके से 475 किलोमीटर की सर्कुलर ऑर्बिट में प्रोजेक्टेड किया गया था. इसके बाद 12 जनवरी को इसरो ने दो अंतरिक्ष यान को तीन मीटर की दूरी पर लाकर फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेज दिया था.
इसरो के अनुसार, 'अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग' तकनीक तब आवश्यक होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कई रॉकेट लॉन्च की आवश्यकता होती है. यह टेक्नोलॉजी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है. इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है.'
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