राजस्थान के अजमेर में एक प्राइवेट बैंक के कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है. बैंक लोन की किस्त न जमा करने पर कर्मचारियों ने लकवाग्रस्त मरीज को खाट समेत बाहर पटक दिया. साथ ही नोटिस चस्पा करते हुए मकान पर कब्जा कर लिया. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की.
2020 में बैंक से लिया था लोन
जानकारी के अनुसार, सोमवार को पूर्व सरपंच चंद्रभान गुर्जर मरीज को अजमेर कलेक्टर डॉ भारती दीक्षित के पास लेकर पहुंचे. उन्होंने बैंक की इस कार्य प्रणाली पर नाराजगी जताते हुए बैंक कर्मचारियों के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई करने की मांग की. बताया कि दौराई कंचन नगर के रहने वाले जगदीश बाकोलिया ने 2020 में आदित्य बिरला कैपिटल बैंक से 80 हजार रुपए का व्यावसायिक लोन लिया था.
लकवा मारने से बिगड़ गई हालात
30 सितंबर 2021 को उसने दूसरे बैंक में लोन ट्रांसफर करवा लिया. 30 सितंबर 2023 को उस पर कहर टूट पड़ा और वह लकवा ग्रस्त हो गया और चलने फिरने से मोहताज होने से व्यवसाय चौपट हो गया और बैंक की किस्त समय पर नहीं जमा हो सकी. हालात ऐसी हो गई कि वह असहाय होकर और मौत से संघर्ष करने लगा.
किस्त न जमा करने पर बार फेंका
जगदीश के परिजनों ने बैंक कर्मचारियों से कुछ समय बाद बैंक की किस्त जमा करने की गुहार लगाई. बैंक कर्मचारियों का दिल नहीं पसीजा. बैंक कर्मचारियों ने जगदीश सहित पूरे परिवार को घर के समान सहित बाहर पटक दिया. अब जिला कलेक्टर डॉक्टर भारती दीक्षित ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नियम अनुसार जाँच करने की बात कही है.
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