
Jaipur IOC Blast: जयपुर भांकरोटा दर्दनाक हादसे में घायलों की बेबसी और चेहरों ने दिल दहला दिया है. सुबह करीब साढ़े पांच बजे भांकरोटा डी क्लॉथॉन के पास दो ट्रकों की टक्कर के बाद एक सीएनजी टैंक में जोरदार ब्लास्ट हुआ, जिसकी चपेट में 40 से ज्यादा वाहन आ गए. इन वाहनों में लगी आग से उठती तेज लपटों ने 2009 के उस मंजर की याद दिला दी, जिसने 15 साल पहले जयपुर के सांगानेर को हिलाकर रख दिया था. यह हादसा इतना भीषण था कि इसमें 12 लोगों की जान चली गई थी. सैकड़ों लोग घायल हुए थे. आग बुझाने में करीब 10 दिन लग गए थे.
कैसे हुई थी यह घटना?
यह अग्निकांड राजधानी जयपुर के निकट सांगानेर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तेल भण्डारण डिपो में गुरुवार, 29 अक्टूबर 2009 को शाम 6 बजे हुआ था. उस दौरान वहां कार्यरत कर्मचारियों द्वारा अन्य भण्डारण स्थलों में तेल की आपूर्ति करने के लिए दो टैंकों के बीच की तेल पाइप लाइन के वाल्व खोल दिए गए थे. गलती से जो टैंक पूरी तरह तेल से भरा हुआ था, उस पर बहुत अधिक दबाव आ गया था. इसे कम करने के लिए उन्होंने पहले भरे हुए टैंक के आगे के वाल्व खोले गए थे तथा उसके बाद पीछे के वाल्व खोले गए. इससे बीच वाले वाल्व में अचानक रिसाव हो गया तथा अचानक पेट्रोल का फव्वारा बहने लगा.
इससे पेट्रोल तेजी से हर जगह फैल गया था. बड़े हादसे से बचने के लिए कर्मचारियों ने तुरंत बिजली बंद कर दी थी. उसके बाद पेट्रोल के रिसाव तथा उसकी गंध के कारण एहतियातन अधिकांश कर्मचारी तथा आसपास रहने वाले लोग औद्योगिक व आवासीय भवनों को खाली कर चले गए, जिसके बाद डिपो में पुनः बिजली चालू की गई, जिससे अचानक चिंगारी निकली तथा फैले पेट्रोल ने तुरंत आग पकड़ ली थी. इससे 12 तेल टैंकों में आग लग गई थी. और वो धू धू कर जलने लगे. जिसके धुएं का गुबार दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था.
आग बुझाने के लिए ली थी सेना की मदद
इस अग्निकांड ने चारों तरफ तबाही का मंजर पैदा कर दिया था. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा। लगभग 5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.आग के कारण हुए धमाकों से आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा था. आग लगने के बाद तेल टैंक में विस्फोट हो गया था, जिससे आग और भी विकराल हो गई थी.आग बुझाने के लिए दमकल विभाग के साथ-साथ सेना की मदद भी ली गई थी.
इंडियन ऑयल को हुआ था 1 हजार करोड़ का नुकसान
इस अग्निकांड में इंडियन ऑयल कंपनी को लगभग 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. और 10 करोड़ लीटर तेल जल गया था. इस हादसे में इंडियन ऑयल के कर्मचारियों समेत 11 लोगों की जान गयी थी. करीब 140 लोग घायल हो गए थे. इसमें आसपास स्थित लगभग 5००-7०० इमारतों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा था. हर इमारत को लगभग 10 लाख तक का नुकसान हुआ था. भयंकर धुएं के कारण पूरे शहर में प्रदूषण फैल गया और घने काले बादल बन गये. इसी कारण कई जगह सूर्य का प्रकाश भी नहीं पहुंच पाय़ा। पर्यावरण पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ा.