
Rajasthan News: जयपुर ग्रामीण के दीपोला गांव से गुरुवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई. यहां एक पिता ने अपने ही 18 महीने के मासूम बेटे को बोरवेल में फेंक दिया. इस दर्दनाक घटना के बाद स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (SDRF) और सिविल डिफेंस की टीम ने करीब 16 घंटे तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. आखिरकार शुक्रवार सुबह 4.30 बजे बच्चे का शव बाहर निकाला गया.
गांव में पसरा मातम
शुक्रवार तड़के जब शव बाहर निकाला गया तो गांव में सन्नाटा छा गया. रेस्क्यू पूरा होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली और एंबुलेंस के जरिए बच्चे के शव को अस्पताल भिजवाया. वहां उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा. उसके बाद सभी फॉर्मेलिटी पूरी होने पर अंतिम क्रिया के लिए शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
बच्चे की बीमारी, पत्नी से झगड़ा और शराब
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पिता शराब का आदी है और उसका पत्नी से झगड़ा चल रहा था. गुरुवार को वह बीमार बच्चे को अस्पताल ले गया था. लौटने पर उसने परिवार को बताया कि बच्चा मर चुका है. डर के मारे उसने मासूम को बोरवेल में फेंक दिया और ऊपर से मिट्टी का कट्टा भी डाल दिया.
पहले नहीं बताई थी सही लोकेशन
मासूम बच्चे को बोरवेल में डालने का मामला सामने आने पर पुलिस हरकत में आई थी और आरोपी को डिटेन कर बच्चे की तलाश शुरू की थी. काफी देर तक बयान बदलने और इधर उधर घुमाने के बाद आरोपी ने बोरवेल की सही लोकेशन बताई थी, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो सका था. आरोपी पुलिस की हिरासत में है और आगे की जांच जारी है.
रामनवमी के दिन जन्मा था बेटा राम
आरोपी ललित से मंजू की शादी 2020 में हुई थी. शुरुआती दौर में ललित शराब नहीं पिता था. लेकिन धीरे-धीरे वह शराब की लत में फंस गया और साइको/सनकी हो गया. ललित के तीन बेटे हैं- आयुष 4 साल का लक्ष्मण 2.5 साल का और सबसे छोटा राम था 1.5 साल का. राम को मारने से पहले एक बार भी कलयुगी पिता ने नहीं सोचा, रामनवमी के दिन ही राम का जन्म हुआ था. इसलिए उसका नाम राम रखा गया. लेकिन कलयुगी पिता की क्रूरता की भेंट राम इसका युग में चढ़ गया.
बच्चे की मौत से सदमे में मां, अस्पताल में भर्ती
जानकारी के मुताबिक, आरोपी ललित ने 20 दिन पहले ही अपनी पत्नी मंजू से मारपीट की थी, उसे नग्न कर पीटा था. मंजू जान बचाकर वहां से निकल गई और दौसा अपने घर चली गई. वारदात के समय बच्चे की मां अपने घर पर थी, जैसे ही उसे इस वारदात का पता चला तो वह सदमे में आ गई और अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था.
बंद बोरवेल रातोंरात खोलकर बच्चे को फेंकाराम के नाना का कहना है कि हत्यारे को सख्त से सख्त सजा दी जाए. आरोपी बेहद शातिर है. अपनी बच्चे की लाश छिपाने के लिए उसने जिस बोरवेल को चिन्हित किया, वो बोरवेल पहले से बंद था. प्रशासन ने अभियान के तहत बोरवेल को बंद किया था. लेकिन रातोरात ललित ने बोरवेल को वापस खोला. अब स्थानीय विधायक महेंद्र पाल मीणा क्षेत्र में बने अवैध बोरवेल के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दे रहे हैं.
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