जयपुर हैरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच चुकी है. आज इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें मेयर मुनेश गुर्जर की ओर से एडवोकेट विज्ञान शाह ने पैरवी की. मालूम हो कि मेयर के निलंबन को लेकर स्वायत शासन विभाग की ओर से गत 22 सितंबर को आदेश जारी किया था. जिसको चुनौती देते हुए मेयर मुनेश गुर्जर ने हाईकोर्ट की शरण ली है.
बीते दिनों मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को पट्टे की एवज में रिश्वत मांगने के जुर्म में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था. जिसको लेकर राज्य सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. लेकिन हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी. वहीं सरकार की ओर से भी निलंबन आदेश वापस ले लिए गए थे.
इस प्रकरण में सरकार की ओर से 22 सितंबर को फिर से निलंबन आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश में नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 का हवाला देते हुए कहा गया कि मेयर पर पद के दुरुपयोग और कर्तव्य पालन में प्रतिकूल आचरण करने का आरोप लगाया है. मेयर मुनेश गुर्जर को पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने में पति सुशील गुर्जर के भी गिरफ्तार किया गया था.
इस निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए मेयर मुनेश गुर्जर हाई कोर्ट पहुंची. आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें राज्य सरकार की ओर से जवाब देने के लिए समय मांगा गया है. जिस पर अदालत ने 6 अक्टूबर तक का राज्य सरकार को समय दिया है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश जारी किए हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.
इसे भी पढ़ें - जयपुर मेयर मुनेश गुर्जर का निलंबन रद्द, राजस्थान हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत