CBI Action on ITAT: आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) की जयपुर ब्रांच में चल रहे महाभ्रष्टाचार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कड़ा शिकंजा कस दिया है. सीबीआई ने घूसखोरी और हवाला कांड से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. जिसके चलते डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में पहले ही आईटीएटी के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
CBI की FIR में कौन-कौन शामिल?
सीबीआई ने इस भ्रष्टाचार के खेल में शामिल कई प्रमुख लोगों और संस्थाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है. जिसमें बिल्डर, ITAT अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट सहित अन्य आरोपियों पर FIR दर्ज की गई है. जिसमें कोटा के यश अक्षय बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जिसमें तीन डायरेक्टर मनीष धारीवाल, अलौकिक जैन और शोभित काला के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही ITAT अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है जिसमें
ITAT जयपुर के सहायक रजिस्ट्रार केसी मीना खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट भी रहे शामिल
वही इससे पहले ITAT के दो सदस्य, एस सीता लक्ष्मी और कमलेश राठौड़ को इसी मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इस घूसकांड के खेले में तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल रहे है. जिसमें गौरव जैन, मनीष शर्मा सुहानी महारावल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इन सभी के अलवा अन्य आरोपी भी सामने आए है , जिसमें हवाला कांड और घूसखोरी का मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. कोटा के रहने वाले मुजम्मिल और भिवाड़ी के प्रवीण लांबा को भी आरोपी बनाया गया है.
न्यायिक फैसलों में बड़ा 'खेल' उजागर
सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि ITAT में न्यायिक फैसले करवाने में यह गिरोह और ITAT सदस्य एक बड़ा खेल कर रहे थे। ये लोग हवाला के जरिए घूस की मोटी काली कमाई करते थे. सीबीआई ने इस मामले में मैसर्स यश अक्षय बिल्डर्स पर रिवर्स ट्रैप (Reverse Trap) की कार्रवाई भी की थी.
आगे और होंगी गिरफ्तारियां
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की जांच अभी भी जारी है और इस मामले में कई बड़े मगरमच्छों की और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. सीबीआई एक दर्जन से ज्यादा लोगों की सरगर्मी से तलाशी कर रही है, जो इस महाभ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए हैं.
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