Rajasthan News: जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 4वीं कक्षा में पढ़ने वाली 9 वर्षीय छात्रा अमायरा चौथी मंजिल से कूद गई है, जिससे उसकी मौत हो गई. स्कूल में जिस जगह छात्रा की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हुई है, उस जगह पर लगे खून के दाग को स्कूल प्रशासन ने पानी से धुलवा कर साफ करवा दिए. अमायरा की मौत के बाद से स्कूल प्रशासन पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है. पुलिस स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के आधार पर जांच कर रही है. उधर गतिरोध समाप्त होने के बाद जयपुरिया अस्पताल में बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है.
रेलिंग पर चढ़कर कूदी छात्रा
पुलिस के मुताबिक, प्रथम दृष्टया यह मामला सुसाइड का लग रहा है और पुलिस स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके. छात्रा अमायरा के चौथी मंजिल से कूदने की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें छात्रा चौथी मंजिल की रेलिंग पर चढ़ी हुई दिखाई दे रहे है. पुलिस का कहना है कि रेलिंग पर चढ़कर छात्रा नीचे कूद गई.

चौथी मंजिल की रेलिंग पर चढ़कर कूदी छात्रा अमायरा
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शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के निर्देश
मानसरोवर के थानाधिकारी लखन खटाना ने जानकारी दी कि नीरजा मोदी स्कूल की चौथी मंजिल से छात्रा के गिरने पर तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. पुलिस का कहना है कि वास्तविक कारण तो जांच के बाद ही सामने आएगा. सबूत जुटाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया गया है. वहीं, शिक्षा मंत्री दिलावर ने छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि स्कूल में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध नहीं थे. स्कूल संचालकों को बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंताम करने चाहिए. जिला शिक्षा अधिकारी, जयपुर को मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं.
अभिभावक संघ के प्रवक्ता का बड़ा आरोप
शिक्षा मंत्री ने मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए समिति बनाई है. उधर संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने आरोप लगाया कि पीड़िता कथित तौर पर एक टीचर के व्यवहार से परेशान थी. अभिषेक जैन ने कहा कि हमने कई छात्रों से बात की है. यह बात सामने आई है कि लड़की एक शिक्षक के व्यवहार से परेशान होकर चौथी मंजिल से कूद गई. दुख की बात है कि स्कूल प्रशासन ने सबूत मिटा दिए और घटनास्थल की सफाई कर दी.

अमायरा की मौत के बाद बेसुध मां
छात्रा अमायरा की मौत के बाद उसके माता-पिता की भी तबियत बिगड़ गई. इकलौती बच्ची की मौत के बाद से ही मां बेसुध है और बार-बार "मेरी बेटी लौटा दो" कहकर रो रही है, जबकि पिता सदमे के कारण बेहोश बताए जा रहे हैं. घटना दोपहर करीब 1:30 बजे हुई और मामला दर्ज कर लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से लापरवाही और गड़बड़ी सहित सभी संभावित पहलुओं की जाँच की जा रही है.
स्कूल की मान्यता रद्द करने पर विचार
घटना के बाद, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों को स्कूल पहुंचकर जमीनी जांच करने का निर्देश दिया. हालाँकि, छह अधिकारियों वाली टीम को कथित तौर पर डेढ़ घंटे से ज़्यादा इंतज़ार करने के बावजूद प्रिंसिपल या प्रबंधन से मिलने नहीं दिया गया. ज़िला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) राम निवास शर्मा ने कहा कि न तो प्रिंसिपल और न ही स्कूल का कोई प्रतिनिधि हमसे मिला. स्कूल का मेन गेट अंदर से बंद था और बार-बार खटखटाने पर भी स्टाफ ने कोई जवाब नहीं दिया. टीम दोपहर करीब 3 बजे स्कूल पहुंची, लेकिन स्टाफ ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया.
डीईओ राम निवास शर्मा ने कहा कि हम गेट पर इंतज़ार करते रहे. हमने प्रिंसिपल को सूचित करने की कोशिश की, लेकिन कोई आगे नहीं आया. इस तरह का असहयोग करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग स्कूल की मान्यता रद्द करने पर विचार कर रहा है.
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