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This Article is From Mar 21, 2024

Rajasthan: बच्चे के रोने से परेशान मां ने ब्लेड से मासूम का गला काटा, 17 दिन तक पुलिस को उलझाया, अब हुई गिरफ्तार

जयपुर पुलिस ने 17 दिन बाद उस मां को गिरफ्तार कर लिया है जिसने अपने डेढ़ साल के मासूम बच्चे का गला सिर्फ इसलिए काट दिया था क्योंकि उसके रोने के कारण नींद पूरी नहीं हो पा रही थी.

Rajasthan: बच्चे के रोने से परेशान मां ने ब्लेड से मासूम का गला काटा, 17 दिन तक पुलिस को उलझाया, अब हुई गिरफ्तार
बच्चा बार-बार रोता था इसीलिए मां ने उसका गला काट दिया.

Rajasthan News: बच्चे के बार-बार रोने से परेशान एक मां ने डेढ़ महीने के मासूम का गला ब्लेड से काट दिया. दिल दहला देने वाली ये घटना राजस्थान की राजधानी जयपुर में 17 दिन पहले हुई, जिसका खुलासा पुलिस ने बुधवार शाम को किया. अंजुम ने 17 दिन तक पुलिस को ये कहकर उलझाए रखा था कि कोई घर में घुसकर उसके बेटे का गला काटकर भाग गया.

'सर्जिकल ब्लेड से दो बार वार'

अंजुम के इस बयान से पुलिस को शुरुआत से ही शक था कि मां ने खून में कटा गला कैसे देख लिया? लेकिन कुछ दिन तक जांच हुई, जिसमें भी बार-बार शक की सुईं अंजुम पर जा टिकी. आखिरकार उसने बुधवार को अपना जुर्म कबूल कर लिया. अंजुम ने बताया कि उसके पिता गांव में डॉक्टर हैं. उनकी एक सर्जिकल ब्लेड घर में पड़ी थी. उसी से बच्चे का गला दो बार काटा, और फिर ब्लेड धोकर वापस अलमारी में रख दिया. फिर घर वालों का ध्यान भटकाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाने लगी कि कोई बच्चे का गला काटकर भाग गया, जिसने लाल रंग की शर्ट पहन रखी थी. 

'रात को नींद पूरी नहीं होती थी'

अंजुम ने बताया कि बच्चे के रोने के कारण उसकी नींद पूरी नहीं होती थी, जिस कारण वो चिड़चिड़ी रहने लगी थी. तीन से चार तक वो बच्चे को मारने के बारे में सोचती रही, और फिर एक दिन उसने बच्चे की आवाज को हमेशा के लिए खामोश करने की ठान ली. 2 मार्च को उसने बच्चे को गला काट डाला. कुछ घंटों बाद जब उसे पछतावा हुआ तो वो अस्पताल पहुंची और लगातार 9 दिनों तक बेटे के पास बैठी रही. लेकिन फिर मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई. अब हुजूरी घाटगेट रामगंज निवासी अंजुम पत्नी अहमद खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 

ऐसे हुआ पूरे मामले का खुलासा

उत्तरी जयपुर की एडिशनल डीसीपी रानू शर्मा ने बताया कि हमने मां के आरोपों के मुताबिक जांच शुरू की थी, लेकिन मकान में रहने वाले अन्य 30-40 लोगों में से किसी ने भी हमलावर के आने-जाने या दिखने की पुष्टि नहीं की. घर के अंदर या बाहर जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था. वारदात के वक्त परिवार की ही एक महिला वहां बर्तन मांज रही थी, उसने भी किसी को आते-जाते नहीं देखा. यानी जांच में ये तय हो गया था कि हमलावर घर का ही कोई है. इसके बाद मां के बयान पर हमारा गौर गया. 'कोई बच्चे का गला काटकर भाग गया है'. अंजुम को कैसे पता की गला कटा है? क्योंकि जिस हिसाब से घाव है, कुछ सेकेंड में सिर्फ खून ही दिखा होगा. इसके बाद अलग-अलग तरह से मां से पूछताछ की गई, जिसमें आखिरकार वो टूट गई, और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

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