
Rajasthan News: जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital Jaipur) में लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की जान चली गई. जानकारी के अनुसार, महिला को गलत ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई. सवा साल में ऐसा तीसरी बार हुआ है. घटना के बारे में पता चलते ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खीवसर एसएमएस मेडिकल कॉलेज में पहुंचे और डॉक्टरों के साथ इस मामले को लेकर बैठक की. इस दौरान जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए.
मंत्री खींवसर ने की बैठक
अधिकारियों के मुताबिक, मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई, जो मामले की जांच करेगी. यह समिति इस मामले में सभी पक्षों की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी. जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कार्मिकों पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. चिकित्सा मंत्री खींवसर ने शनिवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में एक हाई लेवल मीटिंग में पूरे मामले की समीक्षा की.
जांच के लिए दिए निर्देश
उन्होंने मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टोंक जिले के निवाई से उपचार के लिए आई गर्भवती महिला नौ मई से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थी. बैठक में निर्देश दिए गए कि सभी अस्पतालों में आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर सहित क्रिटिकल केयर वार्ड में प्रशिक्षित और अनुभवी स्टाफ नियोजित किया जाए. साथ ही, डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की समय-समय पर ट्रेनिंग करवाया जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो.
9 मई से अस्पताल में भर्ती थी महिला
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि टोंक जिले के निवाई से उपचार के लिए आई गर्भवती महिला 9 मई से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थी. उसका हीमोग्लोबिन स्तर कम होने के साथ ही ऑक्सीजन लेवल भी कम था. इस दौरान ब्लड ट्रांसफ्यूजन में उसे गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने का की बात सामने आई है.
B+ की जगह चढ़ा दिया A+ खून
आरोप है कि ब्लड बैंक ने बिना जांच के ही A+ ब्लड दे दिया, जबकि महिला का वास्तविक ब्लड ग्रुप B+ था. जैसे ही महिला को A+ ब्लड चढ़ाया गया, उसका शरीर कांपने लगा और उसकी हालत बिगड़ने लगी. बाद में जांच में पता चला कि महिला का ब्लड ग्रुप B+ था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
अस्पताल प्रशासन की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच समिति ने भी प्रथम दृष्टया गलत ग्रुप का खून चढ़ाए जाने की बात स्वीकार की है. खींवसर ने कहा कि अस्पताल द्वारा गठित समिति की जांच से पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते हुए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है.
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