Rajasthan Politics: जयपुर हेरीटेज नगर निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर को पट्टे के बदले रिश्वत के मामले में जमानत मिल गई है. कोर्ट ने मुनेश को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के कहा था, जिसके बाद वह आज कोर्ट में पेश हुईं. मामले में फंसाने के सवाल पर मुनेश गुर्जर ने कहा कि राजनीतिक कारण या कुछ भी हो सकता है. सीट पर महिला हजम नहीं हो रही होगी. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह जैसे 10 आ जाएंगे तो भी नहीं झुकेंगे जो निर्णय होगा, आपके सामने आ जाएगा.
मुनेश के वकील ने रखा तर्क
मुनेश गुर्जर के वकील दीपक चौहान ने कहा कि एसीबी ने मुनेश गुर्जर को इस मामले में चालान प्रस्तुत होते समय नोटिस दिया था कि वह न्यायालय में उपस्थित हों, न्यायालय ने आज उन्हें बुलाया था और मुनेश गुर्जर आज कोर्ट के सामने पेश हुईं. कोर्ट में निलंबित मेयर के वकील ने तर्क दिया कि जो एफआईआर हुई है, उसमें उनके नाम से फिर नहीं हैं. इन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है. इस पर कोर्ट ने मुनेश गुर्जर ने जमानत दे दी.
2502 पन्ने की दाखिल की थी चार्जशीट
बता दें कि मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ गुरुवार (19 सितंबर) को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने चार्जशीट पेश की थी. कोर्ट में पेश एसीबी की चार्जशीट में हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर, उनके पति सुशील गुर्जर, संविदा कर्मी दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे का जिक्र किया. 2502 पन्ने की चार्जशीट में कई अहम बातें हैं. मामले में एसीबी ने 52 गवाह बनाए हैं, साथ ही 85 अभिलेखीय साक्ष्य भी दर्शाए हैं. एसीबी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि जो पट्टे सालों से लंबित थे, वे मेयर के पति सुशील गुर्जर तक पैसे पहुंचने के साथ जारी हो जाते थे.
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