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राजस्थान में पुलिस महानिदेशक बनकर घूम रहा था टैक्सी ड्राइवर, पकड़े जाने पर सामने आई हैरान कर देने वाली बात

टोंक जिले के बरौनी थाना क्षेत्र में बीते मंगलवार रात के समय डीजी की प्लेट और लाल नीली लाइट लगी स्कॉर्पियो गाड़ी में ख़ाकी वर्दी पहने लोकेश मीणा घूम रहा था.

राजस्थान में पुलिस महानिदेशक बनकर घूम रहा था टैक्सी ड्राइवर, पकड़े जाने पर सामने आई हैरान कर देने वाली बात

Rajasthan Fake Police: देश में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूमने के कई मामले सामने आ चुके हैं. ठगों की अब इतनी हिम्मत बढ़ गई है कि अब लोगों के साथ फर्जीवाड़ा करने के लिए फर्जी पुलिस बनने से भी नहीं कतराते हैं. इतना ही नहीं फर्जी करने के लिए केवल पुलिस ही नहीं बल्कि फर्जी पुलिस महानिदेशक तक बन जाते हैं. राजस्थान में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक टैक्सी चालक पुलिस महानिदेशक अधिकारी बनकर घूम रहा था. इसके लिए बकायदा उसने स्कॉर्पियो गाड़ी पर लाल और नीली बत्ती भी लगा रखी थी. मामला तब उजागर हुआ जब वह लोगों पर अपनी अधिकारी होने का रोब झाड़ रहा था.

घटना राजस्थान के टोंक जिले की है. जहां बरौनी थाना क्षेत्र के जामडोली गांव का रहने वाला लोकेश मीणा स्कॉर्पियों गाड़ी में पुलिस महानिदेशक का नेम प्लेट लगाकर घूम रहा था. लेकिन उसे पता नहीं था कि अगर असली पुलिस सामने आएगी तो उसके पसीने छूट जाएगी. पुलिस अब लोकेश का रिकॉर्ड खंगाल रही है.

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खुद को बताया जयपुर में तैनात पुलिस अधिकारी

टोंक जिले के बरौनी थाना क्षेत्र के नोहट्टा मोड़ पर बीते मंगलवार रात के समय डीजी की प्लेट और लाल नीली लाइट लगी स्कॉर्पियो गाड़ी में ख़ाकी वर्दी पहने लोकेश मीणा घूम रहा था. वहीं वह  अपने आपको जयपुर में तैनात एक पुलिस अधिकारी बता वहां मौजूद लोगों को हर तरह का काम कराये जाने का झांसा देते हुए अपना रुआब झाड़ रहा था. लेकिन उसी समय किसी ने असली पुलिस को जब इस फर्जी पुलिस अधिकारी की सूचना दे दी तो पहले निवाई और बाद में बरौनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. उसके बाद पुलिस ने गाड़ी में सवार तथाकथित पुलिस अधिकारी बने युवक से पूछताछ शुरू की तो वह पहले तो अपने आपको जयपुर में तैनात बताया. लेकिन जैसे ही पुलिसकर्मियों ने उसे उसके उच्च अधिकारियों से बात कराने के लिये कहा तो वह कुछ ही देर में सच उगल दिया. 

लोकेश ने बताया हैरान कर देने वाला सच

पकड़े जाने पर लोकेश मीणा ने पुलिस को जो बात बताई वह काफी हैरान कर देने वाला था. उसने बताया कि वह टोंक के ही जामडोली गांव का रहने वाला है. असल में वह एक टैक्सी ड्राइवर है और जयपुर में काम करता है. उसने बताया कि टैक्सी चलाने के क्रम में ही उसे पुलिस अधिकारी बन फर्जीवाड़ा करने का आईडिया आया था. इसके बाद वह बजरी वाहनों को छुड़वाने और पुलिस से जुड़े कई तरह के काम करवाने का झांसा देकर लोगों से वसूली करता था.

पुलिस खंगाल रही है रिकॉर्ड

अब लोकेश के खिलाफ पुलिस उसका रिकॉर्ड खंगाल रही है. उसके आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं. हालांकि पुलिस को लोकेश मीणा के खिलाफ किसी तरह का रिकॉर्ड नहीं मिला है.  

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