
Rajasthan News: राजस्थान के जालोर जिले के आहोर क्षेत्र के पचानवा गांव में जवाई नदी पर बन रहे पुल के निर्माण ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है. निर्माण के दौरान हुई ब्लास्टिंग से दर्जनों घरों में दरारें पड़ गईं, कई मकानों के स्लैब टूटे और कुछ में धंसाव तक हो गया. गुस्साए ग्रामीणों ने ठेका कंपनी और प्रशासन के खिलाफ हरजी-उम्मेदपुर मार्ग जाम कर प्रदर्शन किया.
ब्लास्टिंग ने तोड़ा घरों का ढांचा
ग्रामीणों का कहना है कि ठेका कंपनी ने बिना किसी सूचना के विस्फोट किए, जिससे उनके पक्के मकानों को भारी नुकसान हुआ. कई परिवारों के घरों की दीवारें चटक गईं और छतें कमजोर हो गईं. एक ग्रामीण रामलाल ने दुखी मन से कहा, "हमने मेहनत से घर बनाए थे, लेकिन अब इन्हें ठीक करने के लिए पैसे कहां से लाएं? विकास के नाम पर हमें बर्बाद कर दिया."
प्रशासन की चुप्पी, ठेकेदार की मनमानी
घटना के बाद ग्रामीणों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) से जवाब मांगा, लेकिन अधिकारियों ने मुंह मोड़ लिया. PWD के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. माधव ने कहा कि उन्हें ऊपर से जानकारी साझा करने की मनाही है. कनिष्ठ अभियंता कैलाश नागर ने भी कोई जवाब नहीं दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार की मनमानी और विभाग की लापरवाही ने उनकी मुसीबत बढ़ाई है.
नियमों की अनदेखी, सवालों का घेरा
पुल निर्माण में ब्लास्टिंग जैसे खतरनाक काम से पहले ग्रामीणों को सूचना देना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या PWD की लापरवाही है या ठेकेदार के साथ साठगांठ? ग्रामीण और मीडिया जवाबदेही की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीणों की मांग क्या है
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने मांग की है कि उनके नुकसान का सर्वे हो, मुआवजा दिया जाए और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई हो. साथ ही, भविष्य में बिना सूचना के ब्लास्टिंग न हो.
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