
Rajasthan News: गागरोन, चंगेरी, लक्ष्मीपुरा, नोलाव, राजपुरा सहित एक दर्जन गांव, जिनकी दूरी झालावाड़ जिला मुख्यालय से महज 3 से लेकर 15 किलोमीटर के बीच है, यह सभी गांव अब तक बरसात के मौसम में टापू बनकर रहते आए हैं. इन सभी गांवों में गागरोन एक ऐसा नाम है, जहां विश्व प्रसिद्ध गागरोन का जल दुर्ग मौजूद है. वहीं राजस्थान में बड़ा नाम रखने वाली सूफी संत ख्वाजा हमीदुद्दीन चिश्ती की दरगाह मौजूद है, जहां हजारों जायरीन पहुंचते हैं.
कई लोगों ने गंवाई अपनी जान
झालावाड़ जिला मुख्यालय से इन गांवों को जोड़ने वाले दो मार्ग हैं. दोनों मार्गों पर दो नदियां मौजूद हैं. यह दोनों ही नदियां बारिश में जैसे ही इनका जलस्तर बढ़ने लगता है तो मुख्यालय से इन सभी गांवों का संपर्क काट देती हैं. इन गांवों के लोग बरसात के मौसम में ना तो इलाज के लिए झालावाड़ अस्पताल पहुंच पाते हैं, ना ही अपने अन्य जरूरत को पूरा कर पाते हैं. बरसात के मौसम में उनकी जिंदगी अभावग्रस्त हो जाती है. कई लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं. आलम यह है कि कुछ बीमारों और गर्भवती महिलाओं को उफनती नदी में हवा से भरी हुई ट्यूब पर डालकर नदी पार कराते हुए अस्पताल ले जाना पड़ता है. कई लोग नदी के तेज बहाव में बहकर अपनी जान गवा चुके हैं.
21 करोड़ की लागत से बन रहे पुल
लेकिन इन सभी गांव के लोगों के लिए अब एक आशा की किरण नजर आने लगी है. दोनों ही नदियों पर लगभग 21 करोड़ की लागत से हाई लेवल ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है, जो काफी तेज गति से चल रहा है और जल्द ही पूरा हो जाएगा. लगभग 21 करोड़ की लागत से बनने वाले इन पुलों को लेकर एक दर्जन गांवों के लोगों में काफी खुशी का माहौल है, क्योंकि आजादी के बाद से लेकर अब तक पहली बार ऐसा होगा की बरसात के दौरान इन एक दर्जन गांवों की कनेक्टिविटी झालावाड़ मुख्यालय से नहीं कटेगी.
कुछ ही महीने में पूरा हो जाएगा काम
सार्वजनिक निर्माण विभाग के एसी मुकेश मीणा बताते हैं कि हाई लेवल ब्रिज के निर्माण को शीघ्र अति शीघ्र पूरा करवाने के लिए पूरी मुस्तैदी से काम करवाया जा रहा है. विभाग की कोशिश है कि एक ब्रिज आगामी बरसात के मौसम तक पूर्ण कर लिया जाए. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व परियोजना का गेट भी गागरोन में प्रस्तावित है. ऐसे में एयरपोर्ट से भी गागरोन की कनेक्टिविटी हाई लेवल ब्रिज के निर्माण हो जाने के बाद हो जाएगी. वहीं झालावाड़ मार्ग पर बना रहे हाई लेवल ब्रिज के निर्माण पूरा हो जाने के बाद झालावाड़ की तरफ से आने वाले पर्यटकों को भी किसी बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा और वह सीधे गागरोन पहुंच सकेंगे.
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