
Drone artificial rain project fails in Rajasthan: जयपुर के रामगढ़ बांध इलाके में कृत्रिम बारिश करवाने का ड्रोन प्रोजेक्ट लगातार लापरवाही का शिकार हो रहा है. रविवार को फिर से ट्रायल के दौरान ड्रोन उड़ाया गया, लेकिन कुछ ही देर बाद वह नियंत्रण से बाहर हो गया. यह देश का पहला ड्रोन बेस्ड क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट है, जिसे कृषि विभाग के सहयोग से शुरू किया गया था. इससे पहले भी ड्रोन उड़ाने की कोशिश नाकाम हो चुकी है. अमेरिका और बेंगलूरु की टेक्नोलॉजी कंपनी जेन एक्स एआई पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह प्रयोग कर रही है. क्लाउड सीडिंग में सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड या ड्राई आइस जैसे रसायन ड्रोन, हेलिकॉप्टर या प्लेन से बादलों में छोड़े जाते हैं. ये रसायन पानी की सूक्ष्म बूंदों को आकर्षित कर उन्हें भारी बनाते हैं, जिससे वे बारिश के रूप में गिरते हैं. हालांकि, इसके लिए बादलों में पर्याप्त नमी होना जरूरी है.
ड्रोन गिरने के बाद घबराकर भागे लोग
जब ड्रोन कंट्रोल से बाहर हुआ तो वह करीब 3 किलोमीटर दूर गोपालगढ़ गांव के खेतों में जा गिरा. खेतों में काम कर रही महिलाएं और लोग घबराकर भागने लगे. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन बिना पूरी तैयारी और सुरक्षा इंतजाम के बार-बार असफल ट्रायल करवा रहा है.
देश का पहला प्रयोग, लेकिन बार-बार फेल
राजस्थान में देश का पहला ऐसा प्रयोग है. इससे पहले भी ड्रोन से बारिश कराने के लिए 12 अगस्त को टेस्टिंग की गई थी. लेकिन तब भी जीपीएस सिस्टम काम नहीं करने के चलते फेल हो गया था. इसकी वजह वहां मौजूद भीड़ को बताया गया. कंपनी के अधिकारी का कहना था कि अलग-अलग मोबाइल सिंग्नल होने की वजह से GPS का कनेक्शन टूट गया था.
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