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झालावाड़ में फोटोग्राफर की हत्या को लेकर तनाव, इंटरनेट बंद... हिंसा के 3 दिन बाद पसरा सन्नाटा

Rajasthan: घटना को 3 दिन भी जाने के बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है. ऐसे में इलाके में कई तरह की अफवाहें फैल रही है, जिनके चलते बार-बार माहौल खराब हो रहा है. हालांकि पुलिस ने एक आरोपी को वारदात के कुछ ही समय बाद डिटेन कर लिया था.

झालावाड़ में फोटोग्राफर की हत्या को लेकर तनाव, इंटरनेट बंद... हिंसा के 3 दिन बाद पसरा सन्नाटा
डग में तनाव

Jhalawar Tension after Death of Photographer:: राजस्थान के झालावाड़ जिले के डग कस्बे में फोटोग्राफर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसके बाद हुई आगजनी और मारपीट के बाद लोगों में खौफ का माहौल है. चारों तरफ सन्नाटा बिखरा है और तनावपूर्ण शांति नजर आती है. जली हुई दुकाने और गाड़ियां हालातों को खुलकर बयान कर रही हैं. वहीं जिन लोगों का नुकसान हुआ है, वह मायूसी के साथ एक टक अपनी जली हुई संपत्ति को देखते नजर आते हैं. वहीं अधिकांश लोगों को इस बात का संतोष है कि उनकी और उनके परिवार की जान तो बच गई. इनसबके बीच डग में इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है.

सबका एक ही सवाल, आखिर इतनी देर क्यों? 

डग कस्बे और उसके आसपास के क्षेत्र में फिलहाल शांति है, क्योंकि वहां सशस्त्र पुलिस बल और अन्य सुरक्षा बल बड़ी तादाद में तैनात हैं. लेकिन सूत्र बताते हैं कि अभी भी अंदर ही अंदर कुछ सुलग रहा है. पूरे हंगामा के दौरान लगभग दो दर्जन दुकानें जलकर खाक हो गई, वहीं एक पुलिस अधिकारी का सर फट गया. नुकसान झेल रहे दुकानदार, आम नागरिक और डरे हुए डग कस्बा वासी एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि कानून व्यवस्था स्थापित करने में आखिर इतनी देर क्यों लगी.

फोटोग्राफर की हत्या हो जाने से भड़का विवाद

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विवाह समारोह में फोटोग्राफर शंभू सिंह की हत्या हो जाने के बाद लगभग 5:30 बजे कस्बे का माहौल खराब हो गया था. कुछ ही देर बाद आगजनी और पत्थर बाजी भी शुरू हो गई थी जो स्थानीय पुलिस से नहीं संभाल पा रही थी. इसी पत्थर बाजी के बीच रायपुर थाना अधिकारी बन्ना लाल का पत्थर से सर फूट गया, उनकी हालत अभी भी ठीक नहीं है.

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ऐसे में स्थानीय पुलिस अधिकारी रात को 9:00 बजे तक भी कोई कड़ा फैसला नहीं ले पाए और उपद्रवी पूरे कस्बे में पुलिस की आंखों के सामने उत्पात मचाते रहे. बस स्टैंड क्षेत्र में जहां दुकानों को आग लगाई गई है वह जगह थाने से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है, लेकिन वहां भी पुलिस को पहुंचने में लगभग 40 मिनट का समय लगा.

रात 1 बजे झालावाड़ पहुंचे सशस्त्र बल

स्थानीय लोगों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डग कस्बे में शाम 5 और 5:30 के बीच साफ तौर पर ऐसे हालात बन गए थे कि स्थितियां नियंत्रण से बाहर हो रही थी. लेकिन इतनी खराब स्थिति होते हुए भी बाहर से फोर्स नहीं मंगवाई गई और पुलिस अपने ही स्तर पर मामले से निपटने का प्रयास करती रही, जबकि वह कुछ भी नहीं कर पा रही थी. 

रात्रि 9:30 और 10:00 बजे तक यही हालत चलते रहे, उसके बाद बाहर से सशस्त्र बलों को बुलाने की कार्रवाई की गई. ऐसे में कोटा की तरफ से आई सशस्त्र बलों की टुकड़ियां रात्रि 1:00 बजे झालावाड़ पहुंची. जहां से उन्हें डग पहुंचने में 2 घंटे का समय और लगा.

डग, गंगधार और चोमेहला क्षेत्र में पूर्व में भी इस प्रकार के बड़े मामले हो चुके हैं. करीब 2 साल पहले भी वहां पर तनाव हो गया था, जिसमें आगजनी और धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ के मामले हुए थे. इसके अलावा लगभग दो दशक पूर्व का थाना जला दिया गया था. 

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