
झालावाड़ जिले के झाड़ आंवली गांव में आधी रात एक अनोखा घटनाक्रम सामने आया, जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ग्रामीणों की शिकायत पर रात 11:30 बजे खुद स्कूल भवन का निरीक्षण करने पहुंच गए. दरअसल, जन चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने स्कूल की छत के घटिया निर्माण की शिकायत की थी. अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर पुरानी छत तोड़कर नई बनाई जा चुकी है. लेकिन मंत्री नागर ने मौके पर पहुंचकर खुद सरिए से छत खुदवाई, तो सीमेंट की जगह मिट्टी और बजरी की जगह क्रेशर डस्ट पाया गया. जांच में यह भी सामने आया कि पुरानी छत को तोड़ा ही नहीं गया था, बल्कि उसी पर पिलर लगाकर आगे का निर्माण शुरू कर दिया गया था.
''तुरंत छत तोड़कर पुनर्निर्माण के निर्देश''
मंत्री नागर ने मौके पर ही निर्माण सामग्री का सैंपल लेकर पीडब्ल्यूडी को जांच के लिए भेज दिया और तुरंत छत तोड़कर पुनर्निर्माण के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि बच्चों की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. नागर ने कहा, ''बच्चे देश का भविष्य हैं, उनके साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ अस्वीकार्य है. पिछले वर्षों में घटिया निर्माण के कारण कई इमारतों को अनुपयोगी घोषित करना पड़ा है, अब ऐसी नौबत दोबारा नहीं आने देंगे.''
''सरकार भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति''
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस' की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जहां भी घटिया निर्माण सामने आ रहा है, वहां ठेकेदार कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है और संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अधिकारी लीपापोती करते पाए गए तो थर्ड पार्टी से जांच कराई जाएगी और अधिकारी भी जांच के दायरे में आएंगे.
करीब 4 करोड़ की लागत से स्कूल भवन का निर्माण
झाड़ आंवली गांव में करीब ₹4 करोड़ की लागत से स्कूल भवन का निर्माण कार्य चल रहा है. ग्रामीणों ने पहले भी अधिकारियों से छत की गुणवत्ता पर शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. जब मंत्री नागर ने मौके पर पहुंचकर सच्चाई देखी तो अधिकारियों का झूठ सामने आ गया. ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री के हस्तक्षेप से अब उन्हें उम्मीद है कि बच्चों के लिए सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भवन तैयार होगा.