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झालावाड़ स्कूल हादसा: लापरवाह अफसर पर नकेल कसने की तैयारी, 30 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट

शासन सचिव ने सभी स्कूलों की भौतिक स्थिति की रिपोर्ट 30 जुलाई तक मांगी है. इसके अलावा काम न आने योग्य जर्जर भवनों को गिराने के भी निर्देश दिए हैं.

झालावाड़ स्कूल हादसा: लापरवाह अफसर पर नकेल कसने की तैयारी, 30 जुलाई तक मांगी रिपोर्ट
लापरवाह अफसर पर नकेल कसने की तैयारी

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद जिला स्तर से लेकर उच्च अधिकारी एक्शन मोड में हैं. ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. कमियों को दूर करने से लेकर लापरवाह अधिकारियों पर नकेल कसने की कोशिश हो रही है. शिक्षा विभाग में बैठकों के साथ ही अधिकारी ग्राउंड पर उतर गए हैं. विभाग ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों की भौतिक स्थिति की रिपोर्ट 30 जुलाई तक मांगी है. साथ ही विभाग ने जर्जर भवनों की निगरानी के लिए जीआईएस टैगिंग आधारित ऐप बनाने के निर्देश दिए गए हैं.

घायल बच्चों के बेहतर इलाज के निर्देश

शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने झालावाड़ हादसे में घायल बच्चों के बेहतर इलाज के लिए सख्त निर्देश दिए. इस दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में सख्त लहजे में कहा कि लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उधर पिपलोदी गांव में स्कूल की इमारत गिरने से हुए हादसे के बाद स्कूल प्रिंसिपल समेत पांच शिक्षकों को निलंबित किया गया है.

शिक्षकों के निलंबन का विरोध करने वालों कड़ा संदेश

शिक्षकों के निलंबन का विरोध करने के मूड में आ रहे शिक्षक संगठनों को शासन सचिव ने साफ संदेश में कहा कि प्रमोशन, पदस्थापन या अन्य किसी सेवा लाभ के संबंध में राजनीति बर्दाश्त की जा सकती है, लेकिन जहां बच्चों की जान का सवाल है. वहां इस तरह की राजनीति का कोई स्थान नहीं है. 

30 जुलाई तक देनी होगी रिपोर्ट

पिछले दिनों में लगातार मांगे जाने के बाद भी जर्जर कक्ष की जानकारी न देने वाले और इस कमरे में बच्चों को बिठाने वाले स्थानीय शिक्षकों पर कार्रवाई अन्य लोगों के लिए उदाहरण का काम करेगी. शासन सचिव ने झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद प्रदेशभर के विद्यालयों के एक-एक कक्ष की भौतिक रिपोर्ट तलब की है और सभी पीईईओ को यह रिपोर्ट 30 जुलाई तक भेजने के निर्देश दिए हैं.

निर्धारित प्रपत्र में भवन के एक-एक कक्ष की जानकारी देनी होगी चाहे वह जर्जर हो या न हो. शासन सचिव ने काम न आने योग्य जर्जर भवनों को गिराने के भी निर्देश दिए हैं. इसके साथ स्कूल परिसर के बाहर बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बच्चों के आने-जाने के रास्ते का सर्वे करने और बड़े गड्ढे, टूटी नाली, टूटे पुल आदि की सूचना तुरंत प्रशासन को देने के निर्देश दिए हैं जिससे बच्चों की सुरक्षा पुख्ता की जा सके. 

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