
Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक और सरकारी स्कूल की छत गिरने का मामला सामने आया है. जिसमें टीचर और बच्चों की जान बाल-बाल बची है. जिले में पिछले दिनों एक स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी और 27 के करीब घायल हुए थे.
जिसके बाद पूरे प्रदेश में उसका विरोध हुआ था. यह मामला अभी शांत नहीं हुआ कि जिले में एक और हादसा हो गया. गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी की भी जान नहीं और न कोई घायल हुआ है. यह मामला मनोहर थाना क्षेत्र से सामने आया है.
1999 में बनी स्कूल की इमारत
प्रधानाचार्य राम सिंह भील ने बताया कि स्कूल की इमारत 1999 में बनी थी और पिछले कुछ सालों से इसकी हालत बेहद खराब थी. इसकी शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों को भेजी जा चुकी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उस दिन जिला कलेक्टर के आदेश पर स्कूल में अवकाश था, इसलिए बच्चे नहीं आए थे. केवल शिक्षक और स्टाफ मौजूद थे. छुट्टी के बाद जैसे ही स्टाफ बाहर निकला, कुछ ही मिनटों में भवन का पिछला हिस्सा धराशायी हो गया. अगर उस समय कोई अंदर होता तो बड़ा हादसा हो सकता था.
जिले में स्कूलों की बदहाल स्थिति
झालावाड़ जिले में स्कूलों की स्थिति चिंताजनक है. कुछ दिन पहले ही मनोहर थाना क्षेत्र के पीपलोदी गांव में एक स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी और करीब 27 बच्चे घायल हुए थे. इस घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था और लोगों ने जमकर विरोध किया था. इसके बावजूद प्रशासन की ओर से स्कूलों की मरम्मत के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए.
स्कूल में केवल 2 कमरे
प्रधानाचार्य राम सिंह ने बताया कि स्कूल में केवल दो कमरे हैं, जहां बच्चों को पढ़ाया जाता है. दोनों कमरे जर्जर हालत में हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्दी मरम्मत नहीं हुई तो भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है.
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