Rajasthan News: झुंझुनू एडीजे कोर्ट-2 ने शुक्रवार को 7 साल पुराने एक सनसनीखेज मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने अदालत में पेशी से लौट रही पत्नी को बोलेरो कैंपर से कुचलकर हत्या करने के मामले में पति सहित 3 दोषियों को आखिरी सांस तक जेल में रहने (Life Imprisonment) की सजा सुनाई. जज आशीष कुमार कुमावत ने घरड़ाना खुर्द निवासी पति नरेश कुमार, उसके फुफेरे भाई सिकंदर और दोस्त जितेंद्र उर्फ कालू को हत्या करने और हत्या की साजिश रचने के गंभीर अपराधों में दोषी करार दिया. कोर्ट ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
कब और कैसे हुआ था दर्दनाक हादसा?
यह वारदात 6 सितंबर 2018 को हुई थी. मृतक अनिता देवी (गाडोदिया की ढाणी निवासी) अपने पति नरेश कुमार (सीआरपीएफ जवान) से बिगड़ते संबंधों के कारण तलाक संबंधी कार्यवाही में उलझी हुई थीं. अनीता देवी 5 सितंबर को झुंझुनू कोर्ट में तलाक संबंधी पेशी पर आई थीं. शाम को वह पैदल ही गाडोदिया की ढाणी लौट रही थीं. तभी बिना नंबरी बोलेरो कैंपर ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी. अनीता देवी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. शुरू में पुलिस ने इस घटना को सड़क दुर्घटना माना था. हालांकि, मृतका के भाई सुनील कुमार ने सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर हत्या का आरोप लगाया. परिजनों और ग्रामीणों ने तत्कालीन जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट का घेराव किया, जिसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच डीएसपी को सौंपी गई. गहन जांच के बाद मामला स्पष्ट रूप से हत्या साबित हुआ और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया गया.
पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाला कृत्य: कोर्ट
लोक अभियोजक नंदकिशोर शर्मा ने पीड़ित पक्ष की ओर से 33 गवाह और 67 दस्तावेज पेश किए. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए ठोस सबूतों और गवाहों के आधार पर यह साबित माना कि नरेश कुमार ने पत्नी से बिगड़ते संबंधों और तलाक विवाद के चलते योजनाबद्ध तरीके से अनीता की हत्या करवाई थी. फैसला सुनाते समय जज आशीष कुमार कुमावत ने गहरी संवेदना व्यक्त की और दोषियों के कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने कहा, 'पति द्वारा पत्नी की हत्या कराना अत्यंत अमानवीय और समाज में निंदनीय कृत्य है. यह पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाला मामला है. घटना के वक्त दंपती के दो छोटे-छोटे बच्चे थे, जिनके लिए यह घटना सामाजिक व मानवीय दृष्टि से अत्यंत पीड़ादायक है.' कोर्ट ने माना कि नरेश कुमार, जो खुद एक सीआरपीएफ जवान था, उसने अपने पद की गरिमा के विपरीत जाकर, अपने फुफेरे भाई सिकंदर और दोस्त जितेंद्र उर्फ कालू के साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया.
7 साल का इंतजार, 2006 में हुई थी शादी
अनिता देवी की शादी वर्ष 2006 में घरड़ाना खुर्द निवासी सीआरपीएफ जवान नरेश कुमार से हुई थी. विवाह के बाद ही दोनों के संबंध बिगड़ने लगे और मामला कानूनी तौर पर पारिवारिक न्यायालय में तलाक की कार्यवाही तक पहुंच गया था. न्याय की इस लंबी लड़ाई में, पीड़ित परिवार को आज सात साल बाद जाकर न्याय मिला है. कोर्ट ने साफ किया कि दुर्घटना बताकर हत्या को छिपाने की इस साजिश में शामिल सभी दोषी आजीवन जेल में रहेंगे.
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