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Rajasthan Politics : झुंझुनू उपचुनाव में किसका बिगड़ेगा समीकरण, कांग्रेस से दिग्गज रहे नदारद, बीजेपी ने लगाया जोर, निर्दलीय गुढ़ा का दिलचस्प दांव

Jhunjhunu Assembly Byelection : झुंझुनू के उपचुनाव से इस बार कांग्रेस के बड़े नेता अमित ओला के लिए प्रचार से दूर रहे मगर बीजेपी ने राजेंद्र भांबू के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी.

Rajasthan Politics : झुंझुनू उपचुनाव में किसका बिगड़ेगा समीकरण, कांग्रेस से दिग्गज रहे नदारद, बीजेपी ने लगाया जोर, निर्दलीय गुढ़ा का दिलचस्प दांव

Rajasthan Politics : राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार आज थम गया. इस बार उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के साथ कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में कई सीटों पर चुनावी समीकरण बन और बिगड़ सकते हैं. लेकिन, कांग्रेस के लिहाज़ से इस बार के उपचुनाव में एक खास सीट की बड़ी चर्चा हो रही है. यह झुंझुनू की सीट है जहां से ओला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से शीशराम ओला तीन बार और उनके बेटे बृजेंद्र ओला लगातार चार बार विधायक चुने गए. इस वर्ष बृजेंद्र ओला के लोकसभा सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई और अब इस बार उनके बेटे अमित ओला झुंझुनू से भाग्य आजमा रहे हैं.

कांग्रेस के बड़े नेता रहे दूर

लेकिन इस उपचुनाव में सबसे बड़ी बात ये देखी गई कि कांग्रेस की ओर से किसी भी बड़े नेता ने झुंझुनू सीट पर कोई प्रचार नहीं किया. अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेता महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट ने दौसा और उनियारा सीट पर प्रचार किया. अमित ओला को सचिन पायलट का नज़दीकी माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट झुंझुनू में प्रचार में नहीं दिखे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी झुंझुनू नहीं आए, जबकि राजस्थान के उपचुनाव में दूसरी सीटों पर उन्होंने जमकर प्रचार किया है.

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(बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद उपचुनाव हो रहा है)

बीजेपी का धुआंधार प्रचार

इसके उलट कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी भाजपा की ओर से तमाम दिग्गजों ने झुंझुनू में ज़ोर-शोर से प्रचार किया है. बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष राधा मोहन दास अग्रवाल जैसे बड़े नेताओं ने यहां अपने प्रत्याशी राजेंद्र भांबू के लिए वोट मांगे. 

वैसे झुंझुनू की सीट पर इस बार मुकाबले को एक और उम्मीदवार ने दिलचस्प बना दिया है. इस बार यहां से राजेंद्र सिंह गुढ़ा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके गुढ़ा ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत की सिफारिश पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. इस उपचुनाव में कांग्रेस गुढ़ा पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगा रही है.

झुंझुनू - त्रिकोणीय मुकाबला

अमित ओला - कांग्रेस
राजेंद्र भांबू - बीजेपी
राजेंद्र सिंह गुढ़ा - निर्दलीय

निर्दलीय गुढ़ा ने बनाया मुक़ाबला दिलचस्प

राजेंद्र सिंह गुढ़ा की मौजूदगी से झुंझुनू का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. उनकी मौजूदगी से कांग्रेस के वोट पर कितना असर पड़ता है इसका पता 23 नवंबर को मतगणना के दिन चलेगा. और इसी दिन इस सवाल का भी जवाब मिल जाएगा कि कांग्रेस के बड़े नेताओं के झुंझुनू से दूर रहने का चुनाव पर क्या असर हुआ.

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