Kana Mountain Mining Case: काना पीर पहाड़ पर खनन का मामला गरमाने लगा है. 15 साल बाद यहां खनन का काम शुरू हुआ तो इसका पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा और भारी संख्या में लोगों ने जमकर विरोध किया. राजेंद्र गुढ़ा पहले भी 'लाल डायरी' मामले को लेकर काफी चर्चा में रह चुके हैं. प्रशासन ने खनन के कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया. लेकिन इस मामले ने अब नया मोड़ ले लिया है. अब खनन पट्टा धारी श्याम सिंह कटेवा ने पूर्व मंत्री के खिलाफ झुंझुनू के कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इस रिपोर्ट में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पर मंथली मांगने का आरोप लगाया गया है.यह आरोप मंथली नहीं देने पर जान से मारने की नियत से हमले का है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल कान्हा पहाड़ में खान विभाग ने तीन पट्टे मैसर्स जवान रॉकमूवर्स को जारी कर रखे थे. लेकिन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की परमिशन 2009 में रद्द होने के कारण तीनों ही खनन पट्टों में खनन काम बंद था. पिछले दिनों मैसर्स जवान रॉकमूवर्स ने तीन में से एक खनन पट्टे की स्वीकृति ले ली थी. इसके बाद 23 अगस्त से खनन कार्य शुरू कर दिया था.
करीब 10 दिन पहले 25 नवंबर को खनन के लिए भारी ब्लास्टिंग की गई, जिसके बाद भारी विरोध के चलते इसे बंद करना पड़ा. इस दौरान मौके पर पहुंचे SDM, सिटी DSP , ME और CI समेत की अधिकारी मौकें पहुंचे. लोगों से बातचीत के बाद इस खनन कार्य को अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक बंद कर दिया.
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