विज्ञापन

JLF- 2025: "मैं दिल्ली में ट्रक चलाता था", जयपुर में बोले कैलाश खेर- जब आप अनाथ हो जाते हैं तो दुनिया अलग हो जाती है

Kailash Kher: 'तेरी दिवानी- शब्दों के पार' सेशन में संजय रॉय से बातचीत में कैलाश खेर ने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे लोग एक साथ दिख रहे हैं.

JLF- 2025: "मैं दिल्ली में ट्रक चलाता था", जयपुर में बोले कैलाश खेर- जब आप अनाथ हो जाते हैं तो दुनिया अलग हो जाती है

Jaipur Literature Festival 2025: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मशहूर गायक कैलाश खेर की किताब का विमोचन हुआ. किताब का विमोचन संजॉय रॉय, वैशाली माथुर और कैलाश खेर ने किया. 'तेरी दिवानी- शब्दों के पार' सेशन में संजय रॉय से बातचीत में कैलाश खेर ने कहा कि पहली बार इतनी बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे लोग एक साथ दिख रहे हैं. हमारी तो ऑडियंस 50 हजार 60 हजार की होती है, लेकिन कहां देखते हैं पता नहीं चलता है. इसलिए इस भीड़ को देखकर अच्छा लगता है. उन्होंने कहा कि जैसे गाने वाले में फर्क होता है, ऐसे ही सुनने वालों में भी ज्ञान और विज्ञान का फर्क होता है. हमें शुरू-शुरू में कई कलाकार मिले, कलाकार हम थे लेकिन कलाकार हमें मिले. फिर मुझे संजॉय मिले और फिर बात बढ़ी. 

कैलाश खेर ने बताए निजी जिंदगी से जुड़े कई किस्से

उन्होंने कहा कि जब आप अनाथ हो जाते तो दुनिया अलग हो जाती है. मुझे नहीं पता कि मैं बदला हूं. इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी पर बात करते हुए बताया, "मैं दिल्ली में ट्रक चलाता था. पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना था, उन दिनों एजेंट से काम होता था. एजेंट ने पूछा कमर्शियल लेगा या प्राइवेट. मुझे कमर्शियल अच्छा लगा, क्योंकि पता ही नहीं था, यह क्या होता है." 

"इश्क इबादत है, लेकिन वह छिपकर करना होता है"

कैलाश खैर ने कहा, "जब आपको हिकारत से देखा जाता है. जब लोग कहते हैं कि क्या करता है, पढ़ता भी है या नहीं. लोग गणित पढ़ रहे थे. हम आर्ट्स सीख रहे थे. ये ठीक वैसे जैसे छिपकर प्यार करते हैं. लोग कहते हैं कि इश्क इबादत है, लेकिन वह छिपकर करना होता है. मैं अखबार में भी काम कर चुका हूं- जनसत्ता और नवभारत टाइम्स में."

कैलाश खैर ने कहा कि मैं अखबार में भी काम कर चुका हूं- जनसत्ता और नवभारत टाइम्स में.

गायक ने बताया अगली किताब का नाम 

उन्होंने अपनी अगली किताब पर बात करते हुए कहा कि मेरी अगली किताब का नाम 'Prodigy of Failure' होगा. आगे कहा कि दुनिया ने हमें बहुत हर्ट किया और रिजेक्ट भी किया. मुंबई में भी काफी रिजेक्शन झेले.  

जब उनसे सवाल किया गया कि 'तू जो छू ले प्यार से, मैं मर जाऊं', यह कैसे लिखा आपने? गायक ने जवाब दिया कि इसमें सिर्फ शब्द नहीं है. आपके इमोशन हैं, जज्बात हैं. जो तेरी दीवानी के रूप में आपके बीच आई है. परमात्मा ने कहा कि मैं सब कुछ दूंगा, लेकिन वक्त नहीं दूंगा. इसलिए जो बीज 10 साल पहले अंकुरित हुआ, उसे आप तक आने में 10 साल लगे. मेरे पिता आध्यात्मिक सूक्तियां सुनाते थे और यह हमें आकर्षित करती थीं. 

यह भी पढ़ेंः जब कैलाश सत्यार्थी फूट-फूटकर रोने लगे थे, जयपुर लिट फेस्ट में सुनाया किस्सा

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close