Rajasthan Education News: देश में नई शिक्षा नीति-2020 'NEP' लागू होने के साथ ही देश के अधिकांश शिक्षण संस्थान इसे अपने नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही अडॉप्ट कर रहे हैं. जहां बात करें राजस्थान के उच्च शिक्षण संस्थानों की तो प्रदेश में सम्भवतः सबसे पहले जोधपुर संभाग के प्रतिष्ठित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय 'जेएनवीयू' ने नई शिक्षा नीति को अडॉप्ट करने के साथ ही अपने इसी वर्ष के नए शैक्षणिक सत्र से इसको प्रभावित रूप से लागू भी कर दिया था. इसके बाद फिर एक बार जेएनवीयू ने फिर एक बार बड़ा निर्णय लेते हुए पहली बार एक साथ दो डिग्री करने का विकल्प भी विद्यार्थियों को दिया है.
विद्यार्थी को होगी सुविधा
विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए विश्वविद्यालय के इस बड़े निर्णय से अब सभी विद्यार्थी एक साथ दो डिग्रियां प्राप्त कर सकता है. उदाहरण के रूप में देखें तो कला संकाय के विषय का विद्यार्थी विज्ञान संकाय कि किसी विषय में भी अध्ययन कर सकता है. विश्वविद्यालय ने अपने एकेडमिक काउंसिल की बैठक में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें पहला जहां एक साथ दो डिग्री कर सकते हैं, लेकिन समय अवधि से नहीं हो सकेगी. वहीं यदि विश्वविद्यालय का नियमित छात्र है तो प्राइवेट डिग्री भी कर सकता है. जहां एक साथ दो डिग्री करने का लाभ भी सीधे तौर पर विद्यार्थी के एकेडमिक रिकॉर्ड पर भी दिखेगा. जेएनवीयू के कुलपति प्रोफेसर केएल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित हुई एकेडमिक काउंसिल ने इस महत्वपूर्ण निर्णय पर भी मोहर लगा दी है. विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल ने इसके अलावा विद्यार्थियों की डिग्रियां जो लंबे समय से पड़ी थी उनको भी अब दीक्षांत समारोह में देने का निर्णय भी लिया.
शोध कार्यों के लिए विकसित किए जा रहे केंद्र
इसी के साथ ही आजादी के पहले से लेकर अबतक के शोध कार्यों के लिए भी महात्मा गांधी स्टडी सेंटर व मॉडर्न स्टडीज केंद्र को उच्च स्तर पर विकसित किया जाएगा. जिसमें देश के विभिन्न राज्यों सहित 18 देश के शिक्षाविद भी व्याख्यान के लिए आ सकेंगे. जहां इस केंद्र की जिम्मेदारी भी विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अग्रवाल को सौंपी गई है.