
Luni river: मानसून का सीजन आते ही किसानों के चेहरे खिल गए हैं. उम्मीद जता रहे हैं कि खेतों में अच्छी पैदावार हो. लेकिन जोधपुर के लूणी, धुंधाड़ा, धवा और आसपास के गांवो में किसान अच्छी बारिश के बावजूद दुखी नजर आ रहे हैं. जोधपुर और पाली की फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. अजमेर की नाग पहाड़ियों से गुजरने वाली लूणी नदी गुजरात में कच्छ के रण तक जाती है. लेकिन नदी के रास्ते में अन्य इलाकों में प्रदूषित पानी की वजह से यहां पर किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहे हैं. वहां के हालात का जायजा लेने NDTV की टीम मौके पर पहुंची.
इलाके में खेती करना चुनौती
किसानों का कहना है कि जोधपुर और पाली की फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित पानी ने उनके इलाके की पूरी जमीनों को बंजर कर दिया है. हजारों कुंओं का पानी केमिकल से गंदा हो चुका है. ऐसे में वो अब खेती नहीं कर पा रहे हैं. जहां खेतों में बारिश के बाद जहां फसल पककर तैयार होनी थी, वहां फसल जलकर खत्म हो चुकी है.

धुंधाड़ा से गुजरात जाता था लाल गेहूं और जीरा
जोधपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर धुंधाड़ा गांव के किसानों ने भी व्यथा बताई. यह राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल का पैतृक गांव भी है. उन्होंने पिछले दिनों 175 करोड़ रुपए के अनुदान के साथ इस लूनी नदी को सुधारने का वादा किया था, लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ भी काम नहीं हुआ है.
यहां से कभी जीरा और लाल गेहूं ऊंझा (गुजरात) तक जाता था. यहां पैदा होने सब्जियां जोधपुर समेत प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंची थी. लेकिन फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकलयुक्त पानी ने पूरी खेती चौपट कर दी है.
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