
Rajasthan News: शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती, इस कहावत को जोधपुर के 73 वर्षीय हनुमान सिंह इंदा ने सही साबित कर दिखाया. 41 साल तक स्कूल में अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले हनुमान सिंह ने रिटायरमेंट के बाद भी पढ़ाई का जुनून नहीं छोड़ा. उन्होंने जोधपुर के मौलाना आजाद विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल कर न केवल अपने सपने को पूरा किया, बल्कि युवाओं के लिए एक मिसाल भी कायम की. अब उनके नाम के साथ 'डॉ.' शब्द जुड़ गया है.
शिक्षा के प्रति अटूट जुनून
हनुमान सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि उनकी तमन्ना थी कि मृत्यु से पहले उनके नाम के साथ 'डॉ.' जुड़े. इसके लिए उन्होंने अपने पूर्व छात्र से गुरु दक्षिणा के रूप में मार्गदर्शन मांगा. समग्र शिक्षा विषय पर 5 साल तक शोध करने के बाद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षकों और उनकी शोध निर्देशक ने उनका पूरा साथ दिया.
स्वास्थ्य की चुनौतियों को भी दी मात
हनुमान सिंह के रास्ते आसान नहीं थे. शोध के दौरान उन्हें हार्ट अटैक हुआ, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ाई जारी रखी और शोध कार्य पूरा किया. उनकी इस लगन ने साबित कर दिया कि शिक्षा के प्रति जुनून उम्र या शारीरिक कमजोरी को मात दे सकता है.
विश्वविद्यालय और छात्रों ने की तारीफ
पीएचडी उपाधि प्रदान करने के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति, चेयरपर्सन और हनुमान सिंह के पूर्व छात्र इमरान खान मौजूद रहे. इमरान ने एनडीटीवी से कहा कि उनके गुरु की यह उपलब्धि हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. कुलपति ने भी हनुमान सिंह के दृढ़ संकल्प की सराहना की.
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