Jodhpur viral Video: जोधपुर जिले के भोपालगढ़ में रविवार रात एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने पूरे शहर को रोमांचित कर दिया. साटिया जाति के दो दूल्हों, रामलाल और मुन्नाराम की बंदोली (बारात से पहले की रस्म) पूरी शाही शान से हाथी पर निकाली गई. यह बंदोली इसलिए भी खास बन गई, क्योंकि इसमें और ऊंट अफनी मनमोहक चाल से बैंड बाजों की धुन पर नाच रहे थे.इस शाही शादी के आयोजन को देखने के लिए पूरा भोपालगढ़ उमड़ पड़ा. लोग सड़कों पर जमा होकर इस नजारों को अपने कैमरों और मोबाइल में कैद करते रहे.

घोड़े बग्घियां खींच रहे थे
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बंदोली में दिखी दलित समाज की भव्यता
शादी की बंदोली चार घंटे तक कस्बे में शाही अंदाज में निकली. घोड़े, ऊंट, बग्गियों और लक्ज़री गाड़ियों के साथ निकली इस बंदोली को देखने के लिए सैकड़ों लोग सड़क किनारे और मकानों की छतों पर जुटे रहे.

साटिया समाज के दोनों दुल्हें
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शिक्षा की मिसाल बनी दुल्हन पूजा
साटिया जाति, जो मुख्य रूप से पशुओं को खरीदने-बेचने का काम करती है, को संभवतः सबसे पिछड़ी जातियों में गिना जाता है. अब आर्थिक रूप से सम्पन्न हो चुका है, लेकिन अब भी यह समाज आज भी अपनी पारंपरिक जीवनशैली से जुड़ा हुआ है। आलिशान मकान और लक्जरी गाड़ियां होने के बावजूद लोग आज भी खुले में सोने और टेंट में रहने की परंपरा निभाते हैं। महिलाओं के पास किलोभर सोने के आभूषण हैं, मगर शिक्षा से समाज अब भी काफी दूर है. लेकिन इसी समाज की पूजा ने एक मिसाल भी कायम की है.

हाथी पर निकली शाही बंदौली
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साटिया समाज की पहली ग्रेजुएट लड़की है पूजा
दोनों दूल्हे रामलाल और मुन्नाराम भाई हैं और सिर्फ साक्षर हैं. दोनों दुल्हनें भी बहनें हैं. इनमें से एक दुल्हन रेशमा महज साक्षर है, लेकिन दूसरी दुल्हन पूजा ग्रेजुएशन कर रही है. पूजा अपने समाज की पहली लड़की है जो ग्रेजुएशन कर रही है. पूजा ग्रेजुएशन के बाद भी पढ़ना चाहती है आगे पढ़कर शिक्षिका बने और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं दे.
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