
Rajasthan News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार सुबह जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को देश के 52वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई. यह कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया, जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ काविंद और कई अन्य केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. सभी की मौजूदगी में जस्टिस गवई ने हिंदी में शपथ ली. उनका कार्यकाल 6 महीने से अधिक समय का होगा और वह 23 नवंबर तक पद पर रहेंगे.
शपथ ग्रहण में आईं ये हस्तियां
शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मौजूदा जस्टिस, रिटायर्ड चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों सहित प्रतिष्ठित कानूनी और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति देखी गईं. इस कार्यक्रम में कई प्रमुख कानूनी विशेषज्ञ, सरकारी अधिकारी और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हुईं.
🔴#BREAKING : देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस बीआर गवई#JusticeBRGavai | @RajputAditi | @Aayushinegi6 pic.twitter.com/SyzxbRstUk
— NDTV India (@ndtvindia) May 14, 2025
जस्टिस गवई अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आने वाले भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं. उनसे पहले जस्टिस के.जी. बालकृष्णन साल 2007 से 2010 के बीच सीजेआई रहे थे.
अमरावती में हुआ था जन्म
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती में हुआ था. उन्होंने 16 मार्च 1985 को बार में दाखिला लिया और शुरुआत में 1987 तक दिवंगत राजा एस. भोंसले, पूर्व महाधिवक्ता और हाई कोर्ट जस्टिस के अधीन काम किया. इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में अपना कानूनी करियर शुरू करने से पहले 1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की.
देखिए शपथ ग्रहण समारोह का Video-:
LIVE: Swearing-in-Ceremony of the Chief Justice of India Shri Justice Bhushan Ramkrishna Gavai at Rashtrapati Bhavan https://t.co/KSRP8wDqpz
— President of India (@rashtrapatibhvn) May 14, 2025
उनकी विशेषज्ञता संवैधानिक और प्रशासनिक कानून तक फैली हुई है. पिछले कुछ वर्षों में, उन्होंने नागपुर और अमरावती नगर निगमों और अमरावती विश्वविद्यालय सहित कई नगर निगमों और संस्थानों के लिए स्थायी वकील के रूप में काम किया है. इसके अलावा, उन्होंने नियमित रूप से SICOM और DCVL जैसे स्वायत्त निकायों और निगमों का प्रतिनिधित्व किया है.
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