
Rajasthan: राजस्थान के नागौर जिले के खारिया कलां गांव में जातीय सौहार्द की मिसाल देखने को मिली. यहां क्षत्रिय समाज के लोगों ने दलित दूल्हे का सम्मानपूर्वक स्वागत किया. न सिर्फ दूल्हे को अपने हाथों से पगड़ी पहनाई, बल्कि घोड़ी पर बैठाकर पूरे सम्मान के साथ बारात निकाली, और उसे अपने पुश्तैनी हवेली में ठहराया. बारातियों के ठहरने, जलपान और विवाह समारोह की पूरी व्यवस्था की गई.
दूल्हे को विवाह स्थल तक ले गए
जोधपुर निवासी अजय सिंह खांसी की शादी खारिया कलां गांव की नीतू खांसी से हुई. अजय और नीतू दलित समुदाय से आते हैं. सोमवार, 12 मई को जब बारात खारिया कलां पहुंची, तो गांव के क्षत्रिय समाज ने उनका भव्य स्वागत किया. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, गांव के छैलू सिंह राठौड़, दरियाव सिंह राठौड़ और नरपत सिंह राठौड़ ने दूल्हे की अगवानी की और घोड़ी की लगाम पकड़कर दूल्हे अजय को विवाह स्थल तक ले गए.

नागौर में दलित दूल्हे का क्षत्रिय समाज ने स्वागत किया.
दुल्हन को चुनरी भेंट की
दूल्हे अजय ने कहा, "अक्सर दलित दूल्हों की बारात में पुलिस सुरक्षा देनी पड़ती है और तनाव का माहौल बना रहता है. लेकिन, यहां राजपूतों ने खुले दिल से हमारा स्वागत किया और हमारी खुशी में शामिल भी हुए." दुल्हन नीतू को पारंपरिक चुनरी भेंट कर स्वागत किया गया.
"नीतू हमारे गांव की बेटी"
छैलू सिंह राठौड़ ने कहा, "नीतू हमारे गांव की बेटी है और उसकी शादी हमारी सामूहिक जिम्मेदारी थी. हमारे गांव में जात-पात का कोई भेदभाव नहीं है. हम भारतीय एक परिवार की तरह रहते हैं, यही हमारी संस्कृति और परंपरा है." दुल्हन नीतू भी गांव वालों का प्यार देखकर भावुक हो गईं और कहा, "यह मेरे जीवन का सबसे सुंदर और सुखद पल है. यह समाज की एकता का संदेश भी है."
एकता और भाईचारे का संदेश
इस मौके पर बुटाटी भाजपा मंडल अध्यक्ष कविता बिश्नोई, पूर्व मंडल अध्यक्ष पुखराज सेवदा, समाजसेवी रामजस बिश्नोई, पुनास के पूर्व सरपंच दरियाव सिंह मेड़तिया, पूर्व सरपंच छैलू सिंह, विक्रम सिंह मेड़तिया, पूर्व रिटायर्ड एसएचओ मोहन सिंह राठौड़, महेंद्र सिंह, करन सिंह सहित कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे. विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सारस्वत ने कहा, "हिंदू समाज में सामाजिक समरसता के निर्माण के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है. इससे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश जाता है."
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