
Rajasthan News: करौली शहर के हिंडौन दरवाजे स्थित, पुराने गर्ल्स कॉलेज परिसर में बना करीब 200 से 250 वर्ष पुराना चतुर्मुखी शिवलिंग मंदिर-जिसे स्थानीय लोग भूतेश्वर महादेव और नागा साधु की जिंदा समाधि के नाम से जानते हैं. यह मंदिर एक बार फिर से आकर्षण का केंद्र बन गया है. वर्षों की उपेक्षा और तालेबंदी के बाद इस ऐतिहासिक मंदिर के दरवाजे अब आम जनता के लिए खुल चुके हैं.
हाल ही में करौली के एसडीएम प्रेमराज मीना और नगर परिषद के अधिकारियों ने जब इस परिसर का दौरा किया, तब इसकी दुर्दशा को देखकर सफाई अभियान शुरू करवाया गया. कॉलेज के नवीन भवन में स्थानांतरित होने के बाद यह मंदिर उपेक्षित पड़ा था, परिसर में झाड़-झंखाड़ उग आए थे, प्रवेश पर ताले जड़े हुए थे. लेकिन श्रावण मास के आरंभ के साथ ही जैसे इस मंदिर में नई ऊर्जा का संचार हुआ है.
पूजा के साथ हुआ चमत्कार
जैसे ही पंडितों द्वारा श्रावण मास की पहली पूजा शुरू की गई, तेज बारिश होने लगी. इसके तुरंत बाद करीब 8-10 फीट लंबा सांप मंदिर प्रांगण में आया और उपस्थित श्रद्धालुओं को चौंकाते हुए, शिवलिंग के पास रखे दूध को पी गया. खास बात यह रही कि सफाई के दौरान या इससे पहले सांप का कोई नामोनिशान नहीं था. इस घटना को श्रद्धालु शिव की कृपा और चमत्कार के रूप में देख रहे हैं.

मंदिर के सामने से शराब लेकर नहीं गुजर पाते थे लोग!
यह स्थान जाटवाड़ी के ठाकुर सरदारों द्वारा स्थापित किया गया था. वर्षों तक यहां STC हॉस्टल, फिर CID ऑफिस और अंत में गर्ल्स कॉलेज संचालित हुआ. जब कॉलेज का नया भवन बना, तब यह प्राचीन स्थल ताले में बंद कर दिया गया.
स्थानीय नागरिक धर्मेंद्र पाल बताते हैं कि यहां भैरव बाबा और हनुमान जी का भी प्राचीन मंदिर मौजूद है. पुराने लोग बताते हैं कि इस मंदिर के सामने कोई व्यक्ति शराब लेकर गुजरता था, तो बोतल अपने आप गिर जाती थी. यह स्थान वर्षों से नशामुक्ति और आस्था का प्रतीक रहा है.
अद्भुत नक्काशी और गुप्त गुफा जैसी "गुम्मत"
मंदिर की वास्तुकला भी अपने आप में अद्वितीय है. चतुर्मुखी संगमरमर शिवलिंग, नंदी की मूर्ति, और एक विशेष "गुम्मत" (गुप्त आकृति) मौजूद है, जिसमें ग्रहों के आकार, और अलौकिक प्रतीक बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गुफा नुमा हिस्से में कई आध्यात्मिक रहस्य छिपे हैं.
अब बन रहा आस्था का केंद्र
अब जब मंदिर के दरवाजे दोबारा खुले हैं और सफाई के बाद पूजा-पाठ शुरू हुआ है, तो करौली नगर के अनेक श्रद्धालु यहां जलाभिषेक और दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. नागरिकों की पहल और सहयोग से यह स्थान एक बार फिर से धार्मिक चेतना और सामाजिक जागरूकता का केंद्र बनता जा रहा है.