
Rajasthan Biodiesel Scam: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा लगातार धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों पर छापा मार रहे हैं. हाल ही में खाद-यूरिया बनाने वाली कंपनियों के काले कारनामे को उजागर किया था. वहीं अब किरोड़ी लाल मीणा ने बायोडीजल बनाने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी कर बड़ा खुलासा किया है. किरोड़ी लाल मीणा ने सिरोही में तीन बायोडीजल फैक्ट्री पर छापा मारा है और करोड़ों के राजस्व की हानि की उजागर किया है. मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने खुलासा किया है कि फैक्ट्री डीजल बनाने का काम भी कर रही है, जिसके उसे परमिशन तक नहीं है. वहीं यह भी खुलासा किया है कि अकेले एक व्यक्ति 300 करोड़ का घोटाला कर चुका है. अब इस छापेमारी से राजस्थान में सनसनी मच गई है.
सिरोही में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मंगलवार (2 जुलाई) को सरूपगंज की कोटियार्क इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड नामक बायोडीजल फैक्ट्री पर अचानक छापा मारा. इस कार्रवाई में नकली बायोडीजल का बड़ा जखीरा और टैक्स चोरी से जुड़ी गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई हैं.
लाइसेंस नहीं.. गुणवत्ता प्रमाण के बिना बायोडीजल का निर्माण
मंत्री ने मौके पर फैक्ट्री परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज जब्त करने और विस्तृत जांच के निर्देश दिए. फैक्ट्री बिना उचित लाइसेंस और गुणवत्ता प्रमाणन के बायोडीजल का निर्माण कर रही थी, जिसे बाजार में डीजल बताकर बेचा जा रहा था.
करीब 12 संस्थान नेटवर्क में
मंत्री मीणा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि फैक्ट्री से जुड़ा एक व्यक्ति अकेले 307 करोड़ रुपये का घोटाला कर चुका है, और ऐसे करीब 12 और संस्थान इस पूरे नेटवर्क में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक फैक्ट्री का मामला नहीं, बल्कि पूरे राज्य में चल रहे बड़े रैकेट की एक कड़ी हो सकती है.
छापे में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री में पर्यावरण मानकों की भी पूरी तरह से अनदेखी की जा रही थी. बिना टैक्स की जानकारी दिए बिक्री की जा रही थी, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा था. वहीं स्वरूपगंज की दो अन्य बायोडीजल इकाईयों पर भी मंत्री ने छापा मारा जहां जांच पड़ताल की जा रही है. इस इकाईयों में भी नकली डीजल और भारी अनियमितता पाई गई है.
धोखा सहन नहीं किया जाएगा- किरोड़ी लाल मीणा
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य में किसानों और आम नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार का धोखा सहन नहीं किया जाएगा. घटिया बायोडीजल के कारण किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता था. हम लगातार ऐसी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करते रहेंगे. वर्तमान में उद्योग विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को संयुक्त रूप से जांच के आदेश दिए गए हैं. आने वाले दिनों में इसी तरह की अन्य संदिग्ध फैक्ट्रियों पर भी छापेमारी की जाएगी.
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