Farmers Tractor March: किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के आह्वान सोमवार को 500 ट्रैक्टरों के जत्थों के साथ राजधानी जयपुर कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने रोक दिया है. किसान महापंचायत के बुलावे पर अजमेर, दूदू और टोंक जिले के किसान ट्रैक्टर - ट्रॉली के साथ जयपुर कूच कर रहे थे.
पिछले एक माह से सरसों 650 से लेकर 1400 रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचने को मजबूर एक किसान ने बताया कि घाटे से बचने के लिए देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति के लिए खरीद के गारंटी का कानून जरूरी है. इसीलिए हम किसान घर बार एवं खेती की कमाई छोड़कर लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरने को विवश है.
दरअसल, किसान महापंचायत अध्यक्ष के बुलावे पर 3 जिले के किसान 500 से अधिक ट्रैक्टरों के साथ जयपुर कूच करने की तैयारी में थे, लेकिन सुबह से मुस्तैद पुलिस ने किसानों को बाहर नहीं निकले दिया. कई गांव में ऐसी बैरिकेडिंग की गई कि किसानों का निकलना मुश्किल हो गया है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद गारंटी कानून के अभाव में किसानों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर कूच में सहयोग की प्रार्थना की गई है.
सड़कों पर बैरिकेडिंग के बाद खेतों से निकाले ट्रैक्टर
टोंक जिले के डारडा हिन्द गांव के किसानों को पुलिस ने गांव में रोका गया तो किसानों ने खेतों में टैक्टर-ट्राली दौड़ा दी. हालांकि पुलिस ने आगे भी उन्हें रोकने का इंतजाम कर रखा था. इसलिए किसान ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए.
कानून नहीं बना, तों दिल्ली की ओर बढ़ेगा कूच
राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि ट्रैक्टर कूच अजमेर और दूदू ज़िले की सीमा से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर तक पहुंचेगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून नहीं बनाया, तों यह कूच दिल्ली की ओर बढ़ेगा.
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