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5 प्वाइंट में समझें प्राइवेट स्कूल के लिए दी गई गाइडलाइन, अभिभावकों को बड़ी राहत

प्राइवेट स्कूल द्वारा किताबें, स्टडी मेटेरियल और यूनिफॉर्म को लेकर की जा रही मनमानियों पर शिकंजा कसा गया है. इसके लिए सख्त गाइडलाइन जारी की गई है.

5 प्वाइंट में समझें प्राइवेट स्कूल के लिए दी गई गाइडलाइन, अभिभावकों को बड़ी राहत

Private School Guideline: देश में प्राइवेट स्कूलों की मनमाने नियमों से पूरा शिक्षा नीति बदहाल है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों और अभिभावकों पर नियम थोपने का काम काफी समय से चल रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा हंगामा इस बात के लिए होता है जब स्कूल से ही किताब, यूनिफॉर्म के साथ-साथ कॉपी, जूते और मौजे खरीदना अनिवार्य कर दिया जाता है. ऐसे में प्राइवेट स्कूल मनमाने रूप से अभिभावकों से इन चीजों के वसूली करते हैं. स्कूल से किताबें खरीदना इसलिए भी जरूरी हो जाता है कि प्राइवेट स्कूल में इन सामग्रियों पर अपना लोगो (Logo) लगा होता है, जिससे वह चीजें बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाती है.

प्राइवेट स्कूल के इन नियमों के विरुद्ध राजस्थान सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. इसके तहत प्राइवेट स्कूलों पर अब लगाम लगाई जाएगी. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने प्राइवेट स्कूलों के लिए और सामग्रियों की खरीद पर लगाम लगाने लिए नियम जारी किया गया है. इससे अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने वाली है. 

5 प्वाइंट में समझें प्राइवेट स्कूल के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइन

1. प्राइवेट स्कूल केवल बोर्ड द्वारा अप्रूव किये गए किताबों का ही उपयोग करेंगे. जबकि जो किताबें स्कूल में चलाई जाएंगी उसकी एक सूची तैयार की जाएगी. जिसमें किताबों की सूची के साथ उसके लेखक, प्रकाशक और उस किताब का मूल्य भी अंकित करना होगा. यह सूची नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर लगाना होगा.

2. प्राइवेट स्कूल अब बच्चों और अभिभावकों पर स्कूल से किताबें और स्टडी मेटेरियल खरीदने का दबाव नहीं बनाएंगे. बच्चे खुले बाजार से अपनी सुविधा के मुताबिक किताबें और कॉपियां खरीद सकते हैं.

3. प्राइवेट स्कूल में चलने वाले स्टडी मेटेरियल पर स्कूल का नाम अंकित नहीं किया जाएगा. किसी विशेष दुकान से किताबें और मेटेरियल खरीदने का भी दबाव प्राइवेट स्कूल नहीं बना सकता है. स्कूल परिसर में दुकान लगाकर अभिभावकों और बच्चों पर स्टडी मेटेरियल खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाएगा.

4. प्राइवेट स्कूल बच्चों और अभिभावकों को निर्धारित यूनिफॉर्म, टाई, जूते स्कूल से खरीदने का दबाव नहीं बना सकते हैं. यूनिफॉर्म खुले बाजार में खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे. यह सुनिश्चित करना होगा कि यूनिफॉर्म कम से कम तीन विक्रेताओं के पास उपलब्ध हों.

5. प्राइवेट स्कूल किताबें और यूनिफॉर्म को 5 वर्षों तक बदल नहीं सकते हैं. यह लगातार 5 सालों तक अपरिवर्तित होंगी.

प्राइवेट स्कूल के लिए स्टडी मेटेरियल और यूनिफॉर्म के लिए जारी की गई गाइडलाइन अभिभावकों के लिए बहुत बड़ी राहत है. हालांकि अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूल के मनमानें फीस को लेकर भी सरकार से गुहार लगाई है. लेकिन सरकार ने इस पर किसी तरह की अब तक गाइडलाइन जारी नहीं की है. 

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