Pravasi Rajasthani Meet: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को कोलकाता के एक दिवसीय दौरे पर रहे. वह यहां पर प्रवासी राजस्थानी मीट की अध्यक्षता के लिए पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजस्थान के तेजी से बदलते औद्योगिक परिदृश्य के बारे में उद्यमियों, निवेशकों और प्रवासी राजस्थानियों को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि राजस्थान आज नीति, संसाधन और संभावनाओं के संगम के रूप में उभर रहा है. राजस्थान देश का सबसे तेजी से बढ़ता टेक्सटाइल डेस्टिनेशन बन गया है.
'ग्रेनाइट, संगमरमर का अग्रणी उत्पादक'
माइंस एंड मिनरल्स सेक्टोरल राउंडटेबल में सीएम भजनलाल ने प्रवासी राजस्थानियों और निवेशकों को खनिज प्रसंस्करण, डाउनस्ट्रीम उद्योगों और सस्टेनेबल माइनिंग में निवेश के निवेश का आग्रह करते हुए बताया कि राज्य ग्रेनाइट और संगमरमर के साथ-साथ जस्ता, सीसा और चूना पत्थर का भी अग्रणी उत्पादक है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बालोतरा के शिवना रिंग कॉम्प्लेक्स में रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) का भंडार मिलने से राज्य औद्योगिक विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है.
यह भारत का पहला हार्ड रॉक आरईई ब्लॉक है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों और हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवश्यक 17 दुर्लभ खनिजों से समृद्ध है. राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दिल्ली-एनसीआर से जुड़ाव राज्य को केमिकल और पेट्रोकेमिकल उद्योगों का बड़ा केंद्र बना रहे हैं.

जयपुर-जोधपुर में देश का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर
बालोतरा में शुरू होने जा रहे पेट्रोलियम रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से राज्य औद्योगिक रूप से और सशक्त होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीसीएल, वेदांता, हिंदुस्तान जिंक, चंबल फर्टिलाइजर्स और दीपक नाइट्राइट जैसी अग्रणी कंपनियों के निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिला है. जयपुर और जोधपुर में भारत का सबसे बड़ा सरकारी डेटा सेंटर संचालित हो रहा है, जो राजस्वान नेटवर्क और ई-मित्र प्लेटफॉर्म के जरिए 600 से अधिक सेवाएं उपलब्ध कराता है.
आई-स्टार्ट कार्यक्रम के तहत 4,900 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत हैं और टेक्नो हब जैसी सुविधाओं से नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी (आर-कैट) और आईआईटी जोधपुर, आईआईएम उदयपुर जैसे संस्थान युवाओं के लिए नए अवसर खोल रहे हैं. भीलवाड़ा को टेक्सटाइल सिटी के रूप में पहचान मिल चुकी है. नई टेक्सटाइल एंड अपैरल पॉलिसी-2025 मानव निर्मित रेशों, तकनीकी वस्त्रों और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.