Kota News : पिछले कई सालों से बहुत सारे लोगों को दीवाली कुछ अधूरी-सी लगती है, क्योंकि अब इसमें पहले की तरह पटाखे नहीं होते. कहीं आतिशबाज़ी पर पूरी तरह रोक लगी होती है, तो कहीं तरह-तरह की शर्तें लगाकर पटाखे जलाने की अनुमति दी जाती है. जैसे अब ग्रीन पटाखों का बड़ा ज़ोर है. मगर पहले जैसे पटाखे अब बड़ी मुश्किल से मिलते हैं और लोगों को उनकी कमी खलती है. मगर राजस्थान के कोटा शहर में एक मिठाई कारोबारी ने इस कमी को दूर करने की एक अनोखी कोशिश की है. मिठाई की इस दुकान पर इस बार पटाखा मिठाई बिक रही है जिसे लोग बड़े चाव से खरीद रहे हैं. इस दुकान पर चकरी, सुतली बम, अनार, छोटा पटाखा लड़ी, माचिस की डिब्बी, दीपक जैसी मिठाइयां मिल रही हैं.
ड्राई फ्रूट से बनी पटाखा मिठाई
पटाखा मिठाई विक्रेता विक्रेता सचिन माहेश्वरी ने बताया कि पटाखा मिठाई एक दर्जन से ज्यादा वेरायटी में उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि ये सारी मिठाइयां ड्राई फ्रूट से बनाई गई हैं. उन्होंने बताया,"इन मिठाइयों के अंदर फूड कलर और ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल किया गया है. इनमें किसी तरह का हानिकारक कलर नहीं डाला गया है."
दुकान में पटाखों जैसी मिठाइयों के बीच दिए जैसी मिठाई भी थी जो काजू से बनाई गई. इस दिए में तेल की जगह शहद का इस्तेमाल किया गया और इसकी बाती भी काजू से बनाई गई.
बंगाल के हैं कारीगर
सचिन माहेश्वरी ने कहा,"हर साल हम कुछ नया करने के बारे में सोचते हैं, कि कुछ क्रिएटिविटी नज़र आनी चाहिए. तो इस साल हमने इस तरह से एक नया उपहार दिया है."
कोटा की इस मिठाई दुकान पर इन खास मिठाइयों को बनाने वाले ज्यादातर कारीगर पश्चिम बंगाल के हैं. एक कारीगर ने बताया,"इन मिठाइयों को बनाने में बहुत मेहनत लगी है. यह बहुत बारीक काम है जिसमें काफी समय लगता है."
इन मिठाइयों की एक बड़ी खासियत यह भी है कि ये शुगर फ्री हैं जिनमें चीनी का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
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